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हिंदुओं का आतंकवाद से लेना देना नहीं: आरएसएस

१७ अक्टूबर २०१०

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भगवा आतंकवाद या हिंदू आतकंवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने वालों को आड़े हाथ लिया है. इस हिंदूदवादी संगठन का कहना है कि आतंकवाद का हिंदुओं से कोई लेना देना नहीं है.

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तस्वीर: UNI

नागपुर के रेशिम बाग ग्राउंड में सालाना दशहरा रैली को संबोधित करते हुए आरएसएस मुखिया मोहन भागवत ने कहा, "आतंकवाद और हिंदू, दोनों विरोधाभासी हैं. दोनों का आपस में संबंध नहीं हो सकता. यह भारत में हिंदुओं की ताकत को कमजोर करने और मुसलमानों को खुश करने की कोशिश है." जाने माने संगीतकार और मशहूर गायिका लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर इस समारोह में मुख्य अतिथि थे.

भागवत ने कहा कि मुट्ठी भर हिंसक घटनाओं में हिदुओं के शामिल होने की खबरों के बाद पूरे हिंदु समुदाय को दोषी ठहराना अनुचित है. वह कहते हैं, "हिंदू आम तौर आतंकवादी घटनाओं में शामिल नहीं होते हैं." देश में आतंकवाद से निटपने के लिए सरकार की लाचारी पर तंज करते हुए भागवत ने कहा कि सरकार तो बस हिंदुओं को आतंकवादी बता रही है. उनके मुताबिक, "हिंदू संतों और सम्मानित नागरिकों को बदनाम करने की मुहिम हिंदुओं को गुमराह करने की साजिश है." उन्होंने इस सिलसिले में एक कथित हत्या के मामले में कांची के शंकराचार्य को बदनाम किए जाने का उदाहरण दिया.

Indien P. Chidambaram
कांग्रेस और गृहमंत्री पर निशानातस्वीर: UNI

राम मंदिर के मुद्दे पर भागवत ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले ने समाज के हर समुदाय और खास कर मुसलमानों को मौका दिया है कि प्यार मोहब्बत से मिल जुल कर रहने के लिए एक नई शुरुआत की जाए. भागवत कहते हैं, "राम मंदिर हमारा गर्व है. देश भर में सैकड़ों राम मंदिर हैं लेकिन अयोध्या इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भगवान राम का जन्मस्थान है. हाई कोर्ट के फैसले ने हमें मौका दिया है कि सांप्रदायिक मतभेदों को भुला कर हम आगे बढ़ें."

कश्मीर के मुद्दे पर आरएसएस के मुखिया ने कहा, "कश्मीर संकट इसलिए गंभीर हुआ क्योंकि हमने पाकिस्तान का हिस्सा बनने वाले गिलगित और बाल्टिस्तान की अनदेखी की. अब चीन इन इलाकों में अपनी सेना तैनात भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है." उन्होंने कहा कि अमेरिका अब अफगानिस्तान से सुरक्षित निकल कर पाकिस्तान की मदद से कश्मीर में अपने पैर जमाना चाहता है.

कश्मीर मुद्दे पर अपनी बात जारी रखते हुए भागवत ने कहा कि घाटी पूरा जम्मू कश्मीर नहीं है. इस राज्य के तीन हिस्से हैं जिनमें से घाटी एक हिस्सा है. उन्होंने कहा, "घाटी में भी चंद ही लोग अलगाववाद को बढ़ावा देते हुए स्वायत्तता और आजादी की बात करते हैं."

जब भागवत से भारत के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हमें अपनी सेना, राजनीतिक और आर्थिक रणनीति, सुदृढ़ नेतृत्व और खतरों को रोकने के बारे में लोगों की सोच पर बहुत ज्यादा ध्यान देना होगा." माओवाद पर आरएसएस प्रमुख ने कहा कि इस मुद्दे के साथ सख्ती से निपटने के सवाल पर सरकार अंदरूनी खींचतान का शिकार है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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