1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

"हिन्द महासागर में मलबा"

२० मार्च २०१४

ऑस्ट्रेलिया के पास हिन्द महासागर में मलेशिया एयरलाइंस के लापता विमान का मलबा मिलने की संभावना है. सैटेलाइट ने समंदर में दो बड़ी चीजों की तस्वीर ली है. मौके पर टोही विमान और जहाज भेजे गए हैं.

https://p.dw.com/p/1BT3u
तस्वीर: Reuters/Australian Maritime Safety Authority

ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के मुताबिक समंदर में तैरती दिखी बड़ी चीज का आकार करीब 24 मीटर हो सकता है. जिस जगह मलबा मिलने की संभावना जताई जा रही है, वो धरती की आबादी से सबसे दूर दराज के इलाकों में है. वहां पर समंदर बेहद गहरा है.

रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स के अधिकारी जॉन मैकगैरी के मुताबिक, "तस्वीरें इतनी विश्वसनीय जरूर हैं कि इनके आधार पर खोज के अभियान को उस इलाके में मोड़ा जाए. ऐसा लगता है कि जैसे उस इलाके में बिखरे मलबे का यह अंश मात्र हो."

ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण पश्चिमी तट से इस जगह की दूरी 2,500 किलोमीटर है. इलाका ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अफ्रीका और अंटार्कटिका के बीच है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने संसद को भी इसकी जानकारी दी. एबॉट ने कहा, "मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट एमएच 370 की खोज के बारे में नई और विश्वसनीय जानकारी सामने आई है."

मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट एमएच 370 इस महीने की आठ तारीख से लापता है. क्वालालंपुर से बीजिंग जा रही फ्लाइट में 239 लोग सवार थे. विमान बेहद संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुआ. मलेशिया सरकार के मुताबिक विमान ट्रांसपोंडर जानबूझकर बंद किए गए. विमान को आखिरी बार मलेशिया और वियतनाम के बीच में देखा गया, तब वह 35,000 फुट की ऊंचाई पर था और ज्यादा ऊंचाई पर जा रहा था. इसके बाद विमान से किसी तरह के संकेत नहीं मिले.

सैटेलाइट डाटा और सैन्य रडारों की मदद से बाद में पता चला कि विमान दक्षिण चीन सागर के ऊपर मुड़ा और उल्टी दिशा में जाने लगा. सैटेलाइट डाटा और विमान के इंजनों से मिले संकेतों से पता चला है कि लापता होने के बाद भी फ्लाइट करीब 8 घंटे तक उड़ी.

ओएसजे/एजेए (एपी, एएफपी)