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हिसाब किताब की चैंपियन भारत की प्रियांशी

८ जून २०१०

कंप्यूटर और कैलकुलेटर से भी तेज़ दिमाग है 11 साल की प्रियांशी सोमानी का. भारत की प्रियांशी ने हाल ही में मन ही मन दिमाग में हिसाब लगाने का विश्व खिताब जीता है.

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कंप्यूटर से भी तेज़ दिमागतस्वीर: Dw-TV

हाल ही में जर्मनी के माग्ड़ेबुर्ग शहर में मन ही मन हिसाब लगाने की चौथी विश्व प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी. भारत की प्रियांशी सोमानी ने अपने रॉकेट जैसे तेज़ दिमाग से हिसाब लगा कर यह प्रतियोगिता जीत ली और विश्व खिताब हासिल कर लिया. ख़ुशी से खिलते चेहरे के साथ प्रियांशी ने अपने माता पिता और दर्शकों के सामने गर्व से अपनी जीत की ट्रॉफी हाथ में उठाकर तस्वीरें खिचवाई. अपने कंप्यूटर जैसे तेज दिमाग से उसे दस दस अंकों वाली दस संख्याएं जोड़नी थी और तेज़ी से आठ अंकों वाली संख्याओं का गुणा भी करना था. और यह हिसाब उसने न सिर्फ़ चुटकी बजाते कर लिया बल्कि पूरी प्रतियोगिता भी जीत ली.

इस प्रतियोगिता में कुल मिला कर 16 देशों से 37 लोगों ने हिस्सा लिया था. 11 साल की प्रियांशी सोमानी इस विश्व प्रतियोगिता में सबसे कम उम्र की भागीदार थी और सबसे बड़े भागीदार की उम्र 61 साल की थी. सारा ज़ोर उसे अपने नन्हे दिमाग पर ही लगाना था, क्योंकि मदद के लिए उसके पास अपने दिमाग के अलावा कुछ नहीं था. न कोई कलम और न कोई कागज़, यह थी प्रतियोगिता तेज़ दिमाग की.

प्रियांशी के बाद दूसरे स्थान पर स्पेन के मार्क जोर्नेट साँस और तीसरे स्थान पर स्पेन के ही अल्बर्टो कोटो आए. अल्बर्टो कोटो ने साल 2008 की इसी प्रतियोगिता में विश्व खिताब जीता था, लेकिन इस बार उसे अपना यह खिताब भारत की प्रियांशी को देना पड़ा. जर्मनी के रॉबिन वेर्सिग ने भी कैलेंडर का हिसाब करने में एक खिताब जीता है. उसने एक मिनट में 47 आंकड़ों को सही सही कैलेंडर के दिन के साथ जोड़ा. कैलेंडर का हिसाब लगाने में क्युबा के युस्निअर विएरा ने विश्व खिताब जीता है. ऐसी कई और हिसाब करने की प्रतियोगिताएं थी, जिनमें इन बच्चों ने अपना दिमाग तेज़ी से दौड़ाया था.

प्रतियोगिता के समय दर्शकों को वहां बैठने की अनुमति नहीं थी. वे केवल रिहर्सल के वक़्त वहां बैठ सकते थे. एक दर्शक का कहना है कि रिहर्सल देखते वक़्त वह भी अपने कैलकुलेटर में हिसाब लगा रहें थे. लेकिन उनका कहना है कि इससे पहले कि उन्हें ज़वाब मिलता, पेरू से आये एक नन्हे भागीदार मेंडोज़ा हुएरतास ने झट से हिसाब लगा कर अपना जवाब पेश कर दिया. प्रतियोगिता के आयोजक राल्फ लाउनर का कहना है कि कैलकुलेटर इन बच्चों के साथ बराबरी नहीं कर सकता.

रिपोर्ट: एजेंसियां/जैसु भुल्लर

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य