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हैक हुए सेना के दस्तावेज़

६ अप्रैल २०१०

चीन स्थित कुछ हैकेर्स ने भारत सरकार के रक्षा सम्बन्धी कंप्यूटर्स को हैक कर लिया है. सरकार की संवेदनशील रक्षा सामग्री सहित कई गोपनीय दस्तावेज़ उनके हाथ लगे है.

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तस्वीर: AP

अंतर्राष्ट्रीय साइबर जासूसी विशेषज्ञों के अनुसार चीन के हैकर्स के हाथ भारत के बेहद ज़रूरी दस्तावेज़ लगे हैं. कनाडा स्थित इन्फर्मेशन वॉरफेयर मौनिटर और इंटरनैशनल शैडोसर्वर ने मंगलवार को अपनी सयुंक्त रिपोर्ट में कहा है कि उनके पास इस बात का प्रमाण है कि सरकार, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में हैकिंग की गई है. इसमें कई अहम प्रोजेक्ट्स के दस्तावेज़ शामिल हैं जैसे कि पचोरा मिसाइल सिस्टम, आयरन डोम मिसाइल सिस्टम और प्रोजेक्ट शक्ति. इस के अलावा भारतीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के 14 दस्तावेज़ हैं जिन में से दो गोपनीय हैं.

सयुंक्त राष्ट्र और दलाई लामा भी निशाने पर

हैकर्स के निशाने पर केवल भारत ही नहीं, बल्कि सयुंक्त राष्ट्र और दलाई लामा भी थे. गौरतलब है कि जनवरी से नवम्बर के बीच दलाई लामा के कार्यालय से भेजी गई करीब 1,500 चिट्ठियां उस डाटा में शामिल है जो कि साइबर विशेषज्ञों ने रिकवर किया है. इसके साथ साथ अम्रीका में पाकिस्तानी दूतावास समेत कई अन्य संस्थाएं भी उनकी लिस्ट में थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि कई संस्थानों की पहचान कर ली गई है, लेकिन इन सभी का पता लगाना बेहद मुश्किल है. यह रिपोर्ट आठ महीनों के अध्ययन के बाद पूरी की गई है.

सोशल मीडिया भी सुरक्षित नहीं

रिकवर किए गए डाटा की जांच के बाद यह सामने आया है की हैकर्स ने सोशल मीडिया जैसे कि ट्विट्टर, गूगल ग्रुप्स, ब्लागस्पाट और याहू मेल की मदद ली. चीन के चेंगदू शहर के दो हैकर्स की पहचान भी कर ली गई है. इस बारे में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जिंग यू ने कहा कि साइबर क्राइम एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है और सभी देशों को मिलकर इसका सामना करना होगा. जिंग यू ने हैकिंग में चीन की भागेदारी से इनकार तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने इस रिपोर्ट के लेखकों की और निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने न तो चीन को कभी इसका कोई प्रमाण दिया और न ही कभी चीन से इस सिलसिले में कार्यवाही की मांग की.

रिपोर्ट: एजेंसिया/ईशा भाटिया

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य