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10 हजार खिलाड़ी हुए डोपिंग का शिकार!

२ अक्टूबर २०१०

3 अक्तूबर को जर्मन एकीकरण के बीस साल हो जाएंगे. पूर्वी जर्मनी के खेल संघ के अध्यक्ष रहे थोमास कोएलर का सनसनीखेज खुलासा. 70 के दशक में खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा करने के लिए डोपिंग कार्यक्रम चलाया गया.

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थोमास कोएलर कातस्वीर: picture alliance/dpa

कोएलर ने अपनी किताब टू साइड्स ऑफ द मेडल (मेडल के दो पहलू) में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है, "अगर पूर्वी जर्मनी प्रतिस्पर्धा में बने रहना चाहता था तो उसके पास डोपिंग करने की इजाजत देने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं था."

इस किताब में कोएलर लिखते हैं, "खिलाड़ी 16 साल की उम्र में डोपिंग कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे. ये तब किया जाता जब वे शारीरिक तौर पर परिपक्व हो जाते. "

10 हज़ार की डोपिंग

डीपीए समाचार एजेंसी ने लिखा है कि कोएलर ने इस बात से इनकार किया है कि कम उम्र के खिलाडियों को भी प्रतिबंधित दवाएं दी जाती थी. जबकि एएफपी समाचार एजेंसी ने कहा कि करीब 10 हजार खिलाड़ियों व्यवस्थित तरीके से अभियान के तहत प्रतिबंधित दवाएं दी गईं. 70 के दशक में ये कार्यक्रम में शुरू किया गया जिसमें ट्युरिनाबोल नाम का एनाबोलिक स्टेरॉइड खिलाड़ियों को दिया जाता था जिससे उनकी मांसपेशियां तेजी से बढ़ती थीं. इस कारण पूर्वी जर्मनी उन दिनों स्विमिंग, दौड़. साइक्लिंग में बहुत आगे था. बीस साल के दौरान पूर्वी जर्मनी की टीमों ने 11 ओलंपिक्स में कुल 519 मेडल जीते जिनमें से 192 स्वर्ण पदक थे. कोएलर ने अपनी किताब में लिखा है कि "डोपिंग की योजना सिर्फ चुने हुए एलीट खिलाड़ियों के लिए होती जो वयस्क थे."

Deutschland DDR Manfred Ewald Sport Präsident des Nationalen Olympischen Komitees
डीडीआर के नेशनल ओलंपिक कमिटी के अध्यक्ष मानफ्रेड एवाल्डतस्वीर: picture alliance/dpa

1972 के म्यूनिख ओलंपिक में पूर्वी जर्मनी की डबल स्प्रिंट स्टार रेनाटे श्टेषर और बाकी खिलाड़ियों ने कुल 66 मेडल जीते वहीं पश्चिमी जर्मनी की टीमें 40 मेडल घर ले गई.

जर्मनी के एकीकरण के बाद डोपिंग से प्रभावित एथलीटों को मुआवजा दिया गया लेकिन एकीकरण के साथ वे सबसे ज्यादा नुकसान में रहे. इस मामले से जुड़े डॉक्टरों, कोच और अधिकारियों पर मुकदमा चलाया गया कुछ को निलंबित कैद की सजा भी दी गई. पूर्वी जर्मनी ने साम्यवाद के प्रभुत्व को दिखाने के लिए और राष्ट्रीय एजेंडा के तहत खेल को मोहरा बनाया.

फायदा नहीं

इस वजह से कई खिलाड़ियों के लिए पहचान का संकट भी खड़ा हो गया. पूर्वी जर्मनी के यूर्गन श्पारवासर ने 1974 में पश्चिमी जर्मनी के खिलाफ गोल करते हुए उसे एक शून्य से हराया. 1988 में श्पारवासर पश्चिमी जर्मनी में आ गए. वे कहते हैं, "जीडीआर में मेरे प्रति घृणा बढ़ती ही रही."

हालांकि फुटबॉल को जर्मन एकीकरण का कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ. पहले कहा जा रहा था कि दोनों हिस्से मिलकर फुटबॉल की दुनिया में सबसे ताकतवर हो जाएंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. एकीकरण के बाद एक ही बार जर्मनी ने यूरो कप जीता. आज भी पूर्वी प्रांतों के फुटबॉल क्लब माग्डेबुर्ग और डायनामो ड्रेसडन निचले लीग में ही खेलते हैं. हालांकि माइकल बालाक, माथियाज सामर ने अपना करियर बनाया. बालाक तो जर्मन फुटबॉल टीम के कप्तान भी हैं. बॉक्सर रहे हेनरी मास्के, धावक हाइके ड्रेष्सलर और स्केटिंग स्टार काटारीना विट. लेकिन जहां 1988 के ओलंपिक में जर्मनी के कुल 144 पदक थे 2008 के बीजिंग ओलंपिक में वो 41 रह गए.

Buchcover Thomas Köhler Zwei Seiten der Medaille
टू साइड्स ऑफ द मेडल

आरोपी सरकार

एएफपी समाचार एजेंसी ने एथलीट रही आन्द्रेयास क्रीगर के हवाले से लिखा है कि उन्होंने जर्मन सरकार को आरोपी बताया और कहा कि "ये दो दशकों तक जारी लापरवाही को ढंकने की पारदर्शी कोशिश की जा रही है." समाचार एजेंसी कहती है कि हाइडी (अब आन्द्रेयास) क्रीगर को 13 साल की उम्र में पहली बार स्टेरॉयड दिए गए. बाद उन्होंने पूर्वी जर्मनी के लिए गोला फेंक में हिस्सा लिया. 1990 में वे रिटायर हो गई उसके बाद उन्हें अहसास हुआ कि डोपिंग के कारण उनके शरीर में पुरुषोचित लक्षण पैदा हो गए हैं. इसके बाद उन्होंने ऑपरेशन करवाया और पुरुष बन गईं. वो कहते हैं, "ये देख कर कि इस बयान के साथ कितनी आसानी से ये भूतकाल से बाहर आ गए हैं. ये नैतिक मूल्यों का घोर हनन है."

मुकदमें जारी हैं, सजाएं भी लेकिन जो खिलाड़ी जाने अनजाने डोपिंग का शिकार हुए उनमें से कई कैंसर, लीवर के फेल होने, ओवेरियन सिस्ट जैसी कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हुए.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एन रंजन