क्यों देखें यूरो 2016: 10 कारण
यूरो 2016 देखना चाहिए. फुटबॉल से प्यार तो एक वजह है ही लेकिन और भी बहुत कुछ है यूरो कप में.
सबसे ज्यादा टीमें
इस बार टूर्नामेंट 24 टीमें हैं. सबसे ज्यादा. इस बार छह टीमें और शामिल हुई हैं.
करोड़ों फैन
सिर्फ स्टेडियम में मैच देखने वालों की तादाद 25 लाख होगी. ऐसा क्या होगा कि 25 लाख लोग स्टेडियम में होंगे, देखना चाहिए ना.
पूरी दुनिया की नजरें
दुनियाभर के 230 इलाकों में मैच लाइव दिखाए जाएंगे. 2012 में इस चैंपियनशिप को आठ अरब लोगों ने देखा था.
इतिहास रचा जाएगा
इस बार इतिहास के सबसे ज्यादा गोल होंगे. टूर्नामेंट के इतिहास में अब तक सिर्फ फाइनल राउंड के 235 मैच हो चुके हैं. इनमें 579 गोल हुए हैं. इस बार सारे रिकॉर्ड टूटेंगे.
बराबरी का मुकाबला
हर टीम को तीन-तीन ग्रुप मैच खेलने हैं. यानी जो बेहतर होगा वही आगे जाएगा. मुकाबला बराबरी का है.
पांच छुपे रुस्तम
पांच मुल्क पहली बार टूर्नामेंट में आए हैं. कोई नहीं जानता कि वे कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं. कुछ भी हो सकता है.
चौथी बार का मौका
स्पेन और जर्मनी यूरो टाइटल को तीन-तीन बार जीते हैं. क्या वे चौथा कप उठाकर सबसे आगे निकल पाएंगे?
गोल, गोल, गोल
यूरो 2016 में गोल बरसेंगे. क्वॉलिफाइंग में सबसे ज्यादा गोल करने वाले तीन खिलाड़ी खेल रहे हैं. रॉबर्ट लेवांडोवस्की, 13 गोल. स्लाटान इब्राहिमोविच, 11 गोल. और थॉमस म्युलर, 9 गोल.
इनाम
जीतने वाले को डेलाउने कप मिलेगा. यह कप यूरोपीय फुटबॉल संघ के संस्थापक के हेनरी डेलाउने के नाम पर है, जिन्होंने 1954 में यह संस्था बनाई थी.
स्टार्स
कुछ सितारे दोबारा नजर नहीं आएंगे. जर्मनी के कप्तान बास्टियान श्वाइनश्टाइगर, इटली के गिआनलुइगी बुफोन और स्वीडन के स्लाटान इब्राहिमोविच के लिए यह आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला हो सकता है.