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12 या 13 को होना था खेलों पर हमला

१६ अक्टूबर २०१०

कॉमनवेल्थ खेल आतंकवादियों के निशाने पर थे. ऐसी खुफिया रिपोर्टें मिली हैं कि अल कायदा और लश्कर के आतंकवादियों को खेल के दौरान हमले करने के लिए प्रशिक्षत किया गया. आतंकवादियों ने हमले की मुकम्मल तैयारी भी की थी.

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तस्वीर: AP

शुक्र है खेल सकुशल निपट गए. इसके लिए सुरक्षा के चार स्तरीय घेरा तैयार किया गया था जिसे आतंकवादियों की नापाक नजरें भेद नहीं पाईं.

सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की खुफिया जानकारी पहले ही मिल गई थी कि अलकायदा और लश्कर ए तैयबा ने कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान 12 और 13 अक्तूबर में से किसी एक दिन हमला करने की योजना बनाई है. आतंकवादी चौकन्नी सुरक्षा एजेंसियों को तो चकमा नहीं दे पाए लेकिन खेलों के दौरान साइबर हमले की कुछ वारदात जरूर हुईं.

साइबर हमले चीन की ओर से किए जाने की जानकारी मिली हैं. इसका मकसद खेल आयोजन के कम्प्यूटराइज्ड प्रणाली के सर्वर को ठप्प करना था. खेलों के दौरान पश्चिमी खुफिया इकाइयों ने भारत सरकार को 10 अक्तूबर को ही आतंकी हमले के प्रति आगाह कर दिया था. इसमें कहा गया कि अल कायदा और लश्कर के कुछ आतंकवादी दस्तों को खेल के दौरान हमले के लिए तैयार किया गया है. इन्हें पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर खास तौर से प्रशिक्षित किया गया था.

ये दस्ते स्टेडियम या होटलों को अपना निशाना बनाने की फिराक में थे. सुरक्षा एजेंसियों के पुख्ता इंतजामों के कारण इस साजिश को नाकाम कर दिया गया. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने तीन स्तरीय सुरक्षा को एहतियातन चार स्तरीय कर दिया. इसके लिए न सिर्फ अतिरिक्त सुरक्षा बलों को लगाया गया बल्कि विशेष कमांडो दस्तों को भी तैनात किया गया जो हवाई हमले से भी निपटने में सक्षम थे.

रिपोर्टः पीटीआई/निर्मल

संपादन: वी कुमार

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