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15 साल बाद एशिया कप जीतने की चाह

२४ जून २०१०

श्रीलंका को हरा कर भारत की क्रिकेट टीम न सिर्फ पिछले हार का बदला लेना चाहेगी, बल्कि 15 साल बाद एशिया कप क्रिकेट के खिताब पर भी कब्जा करना चाहेगी. भारत और श्रीलंका के बीच एशिया कप फाइनल गुरुवार को.

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धोनी से धमाके की उम्मीदतस्वीर: AP

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को चिंता भी है और भरोसा भी. चिंता इस बात की कि लीग मैचों के आखिरी मुकाबले में बल्लेबाज एकदम से लड़खड़ा गए और महरूफ की गेंदों के आगे ध्वस्त हो गए. लेकिन भरोसा इस बात का कि टीम ने एक बार फिर से खोया हुआ लय हासिल कर लिया है और ट्वेन्टी 20 वर्ल्ड कप कप की नाकामी पीछे छूट चुकी है.

भारत को दांबुला में एक बार फिर श्रीलंका की टीम से भिड़ना है, जिसने मंगलवार को भारत का पसीना छुड़ा दिया था. मेजबान होने के नाते श्रीलंका को इसका फायदा हो सकता है, जबकि श्रीलंका 2008 के बाद से तीन अलग अलग मुकाबलों के फाइनल में भारत को हरा चुका है. हालांकि भारत ने आशीष नेहरा और हरभजन सिंह को पिछले मैच में आराम दिया था और वे एक बार फिर टीम इंडिया में वापसी कर सकते हैं.

Cricketspieler Rohit Sharma Flash-Galerie
तस्वीर: AP

भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने अगुवाई में 15 साल का सूखा भी खत्म करना चाहेंगे. भारत ने आखिरी बार 1995 में शारजाह में खेला गया एशिया कप खिताब जीता था. इसके बाद से भारत ने इस खिताब को कभी भी अपने नाम नहीं किया है. हालांकि इस बार के मुकाबले में भारत ने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हरा कर मनोवैज्ञानिक फायदा जरूर उठाया है.

भारत की मुश्किल यह है कि सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग चोट की वजह से टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं और सचिन ने इस मुकाबले में आराम करने का फैसला किया है. ऐसे में गौतम गंभीर का साथ देने का जिम्मा युवा बल्लेबाज दिनेश कार्तिक पर है. कार्तिक ने हाल के दिनों में अच्छी बल्लेबाजी की है.

जहां तक श्रीलंका का सवाल है. उन्होंने इस मुकाबले को बेहद गंभीरता से लिया है और कहा है कि उनका हर चयन अब वर्ल्ड कप 2011 को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा. टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा सामंजस्य है और कप्तान कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने बहुत अच्छे फॉर्म में हैं.

देखना है कि भारत एशिया कप को अपने नाम कर पाता है या खिताब एक बार फिर श्रीलंका की झोली में जाता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा