15 साल में 9 प्रधानमंत्री
१७ फ़रवरी २०१४सत्ता का बेटन आम तौर पर रंगीन मिजाज सिल्वियो बैर्लुस्कोनी और रोमानो प्रोदी के हाथों में आता जाता रहा है. लेकिन इस बार यह काम फ्लोरेंस के मेयर मातेयो रेन्जी को सौंपा गया है. यूरोप की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को चमकाने के लिए युवा नेता ने फौरन प्लान भी बना लिया है.
डेमोक्रैटिक पार्टी के रेन्जी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सबसे पहले बेरोजगारी कम करने की होगी और फिर विकास की. उनसे पहले डेमोक्रैटिक पार्टी के ही एनरिको लेटा ने लगभग 10 महीने के कार्यकाल के बाद इस्तीफा दे दिया क्योंकि वे "अपेक्षाओं पर खरे नहीं" उतर पाए. रेन्जी के सामने सबसे पहली चुनौती अपनी सरकार के लिए बहुमत जुटाना है, जिस पर वह मंगलवार से काम शुरू कर रहे हैं.
इटली के राष्ट्रपति जॉर्जियो नापोलितानो से मुलाकात के बाद रेन्जी ने कहा, "हम जरूरी समय लेंगे. हालांकि हमें पता है कि वक्त कम है और वक्त बहुत अहम है." उनका कहना है, "हमारी पीढ़ी के लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी और श्रम की है." इसी हफ्ते उन्हें संसद में विश्वास मत हासिल करना होगा. और यह उनकी पहली परीक्षा साबित होगी. इटली में डेमोक्रैटिक पार्टी की मध्यपंथी और मध्य दक्षिणपंथी पार्टियों के साथ गठबंधन है. रेन्जी ने वादा किया है कि अगर उन्हें कामयाबी मिलती है, तो वह राजनीतिक बदलाव भी करने की कोशिश करेंगे.
उनका नाम सामने आने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों को चिंता हो रही है कि जिस देश में दिग्गज नेता भी सरकार नहीं चला पाए, वहां कम उम्र और कम तजुर्बे के नेता से कितनी उम्मीद की जा सकती है. इटली की राजनीति पर नजर रखने वाले फ्रेडरिको जेरेमिका ने कहा, "रेन्जी के व्यक्तित्व की खासियत उनका तेज होना है लेकिन इस टीम का बनना इतना आसान नहीं है."
इंटरनेट सैवी रेन्जी का इटली के केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई अनुभव नहीं है. हालांकि कई इतालवी लोग इसके बाद भी उन्हें मौका देना चाहते हैं. उनके नाम पर चर्चा के बाद इटली के शेयर बाजार ने उछल कर स्वागत किया. अंतरराष्ट्रीय जगत में तो रेन्जी को शायद ही कोई जानता होगा. उनके नाम की घोषणा होने के बाद 28 देशों का यूरोपीय संघ और दूसरे देश इटली की ओर खास नजर से देख रहे हैं. जहां तक युवा वर्ग का सवाल है, वह जरूर उन्हें आकर्षित कर सकते हैं. रेन्जी खुद भी औपचारिक पोशाकों से बचते हैं और सोशल मीडिया की उन्हें अच्छी समझ है.
एजेए/एमजे (एएफपी)