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2012: भविष्यवाणी का बिजनेस

३१ दिसम्बर २०११

साल के अंत में भविष्यवाणी करने वालों, हाथ देखने वालों, कार्ड के भाग्य बताने वालों और की बन आती है. जो भविष्य को जानने का दावा करता है, उसके अनुयायी भी बन जाते हैं. हमेशा से ही ऐसा होता आया है. 2012 में भी ऐसा होगा.

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तस्वीर: picture-alliance/ maxppp

अगर ग्रीक मिथकों को मानें, तो अच्छा हुआ होता कि क्रोएसस ने डेल्फी के ओरेकल की बात नहीं सुनी होती. भविष्यवाणी थी, "जब ग्रीक देवता हैलिस नदी पर से गुजरेंगे तो एक बड़ा साम्राज्य नष्ट हो जाएगा." लेकिन 590 ईसा पूर्व क्रोएसस ने भविष्यवाणी को गलत समझा और फंस गया. बात फारसी साम्राज्य की नहीं, उसके अपने साम्राज्य की थी. प्राचीन काल में भविष्यवाणियां बड़ी भूमिका निभाती थीं. देवताओं के ज्ञान से भावी घटनाओं की जानकारी पाई जाती और उस स्थिति में क्या करें, इसकी राय भी मिलती. लेकिन डेल्फी का ओरेकल हो, बाइबल के संत हों, या पिछले दिनों में स्विस भविष्यवक्ता उरिएला, हर काल भविष्यवाणियों का स्पष्टीकरण से लेना देना रहा है. और यही उनके रोचक लेकिन साथ ही खतरनाक बनाता है.

इसलिए जेरेमियास ने ओल्ड टेस्टामेंट वाली बाइबिल में चेतावनी दी है, "ईश्वर कहता है कि उन पैगंबरों को, जो तुम्हारे बीच हैं, खुद को धोखा न देने दो." ओल्ड टेस्टामेंट के पैगंबर समाज का स्वाभाविक हिस्सा थे. उन्हें मान्यता थी. उनकी किताबों को बाइबिल में शामिल किया जाना दिखाता है कि लोग ईश्वर के दूतों का कितना सम्मान करते थे, हालांकि आज भी उनकी किताबों की व्याख्या पर विवाद है. बाइबिल ने भविष्यवाणी की थी कि एक मुक्तिदाता आएगा. लेकिन आज तक इस पर सहमति नहीं है कि मसीहा आ गया है या अभी आने वाला है. "धर्मशास्त्री मानफ्रेड बेकर हूबैर्टी कहते हैं, यहूदियों को अभी इंतजार है, जबकि ईसाई कहते हैं कि वह आ चुका है." व्याख्या की जरूरत इसलिए होती है कि भविष्यवाणियां स्याह शब्दों में कही जाती हैं. और व्याख्या हर ओर खुली होती है.

पैगंबरों की भविष्यवाणियां

पैगंबरों को लिए यह बुरा नहीं है, क्योंकि उनकी भविष्यवाणियों की अगर चौतरफा व्याख्या हो सके तो वह कभी गलत नहीं होगी. अपोस्टल पाउलुस ने एक पत्र में मसीहा के आने के बारे में लिखा था, "समय और घंटे के बारे आपको लिखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आपको खुद भी पता है कि देव का दिन आएगा जैसे रात को चोर आता है." मुश्किल बस इतनी है कि किसी को पता नहीं कि किस रात चोर आएगा.

भविष्यवाणियों की पराकाष्ठा मध्ययुग थी. खासकर 1503 से 1566 तक जीने वाले नोस्त्रादमस की बातों का आज भी जिक्र होता है. वे खासकर कयामत पर भविष्यवाणियां किया करते थे. उसके समर्थक तो यहां तक कहते हैं कि नोस्त्रादमस ने हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए जाने की भी भविष्यवाणी कर दी थी. बेकर हूबैर्ती कहते हैं, "उनकी भविष्यवाणियों की खासियत है कि वे धुंधले हैं."

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तस्वीर: picture-alliance/ maxppp

500 साल बाद

दुनिया के सबसे प्रसिद्ध भविष्यवक्ता ने अपनी बातें दोहों में कहीं. वे एक प्रतिभाशाली एक्टर थे, जो अपनी बातों को पेश करना जानता था. आपदा, मौत और कयामत, जितनी भयानक भविष्यवाणी होती, पैगंबर उसे उतनी ही आसानी से बेच पाते. धर्मशास्त्री बेकर हूबैर्टी कहते हैं कि आज भी यह उसी प्रकार से हो रहा है. उसमें फंसना एक असाध्य बीमारी का संकेत है.

हूबैर्टी टेलिविजन में शौकिया लोगों द्वारा की जाने वाली गैर ईसाई भविष्यवाणियों को संदेह की नजर से देखते हैं. चर्च इस मामले में जानकारी पर एकाधिकार का दावा करता है. कोलोन की मनोचिकित्सक काथरीना बेलित्स इसलिए हसरतों और भविष्यवाणियों को नकारात्मक नहीं मानतीं. वे इसे मानवीय जरूरत मानती हैं जो कोई बीमारी नहीं है. वे कहती हैं, "यदि लोग भविष्य में देखना चाहते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे शारीरिक रूप से बीमार हैं, बल्कि इसलिए कि वे ऐसी व्याख्या चाहते हैं जो वैज्ञानिक ज्ञान नहीं देता."

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तस्वीर: picture-alliance/ maxppp

भविष्यवाणी का बिजनेस

इसका लाभ अब इंटरनेट कंपनियां भी उठा रही हैं. क्वेस्टिको एजेंसी का दावा है कि उसके यहां हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग कार्ड या दूसरे तरीकों से भविष्यवाणियां के लिए फोन करते हैं. खासकर भविष्य से डरे लोगों के लिए लंबे समय का साथ जरूरी होता है. मनोचिकित्सक बेलित्स कहती हैं, लोगों को उनके डर से मुक्त करने के लिए समय चाहिए. भविष्यवक्ता का आकर्षण इसलिए भी है कि वे छोटा और जल्द का रास्ता दिखाने का दावा करते हैं. लेकिन साथ ही वे चेतावनी देती हैं कि जिंदगी की योजना बनाने के लिए यह जानने का कोई फायदा नहीं कि अगले सप्ताह एक दुर्घटना होगी.

थोड़ी सी जिज्ञासा तो हम सब में होती है कि कल क्या होगा. खासकर 31 दिसंबर ऐसा दिन है जब अकलमंद इंसान भी अपने साथियों के साथ बैठकर मस्ती करते हुए भविष्य की सोचता है. यह दिन तो विशेष है ही, अगला वर्ष तो और भी विशेष है, क्योंकि भाई लोगों ने भविष्यवाणी कर रखी है. कयामत का दिन इसी साल आने वाला है. इस बार यह भविष्यवाणी नोस्त्रादामस ने नहीं की है बल्कि माया. माया कैलेंडर का अंतिम दिन है 21.12.2012. देखें क्या उस दिन जीवन समाप्त हो जाएगा.

रिपोर्ट: जबीने ओएल्त्से/मझा

संपादन: ए जमाल

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