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25 साल बाद भी परिवारों के अवशेष खोज रहे हैं बोस्नियाई

२१ नवम्बर २०१७

बोस्नियाई सर्बों के सेना प्रमुख रात्को म्लादिच के खिलाफ स्रेब्रेनित्सा जनसंहार के मामले में बुधवार को फैसला सुनाया जाना है. लेकिन बोस्निया के पीड़ित अब भी जनसंहार में मारे गये अपने परिजनों के अवशेष खोज रहे हैं.

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Bosnien und Herzegowina Geschichte über einen Knochenjäger
तस्वीर: DW/Z. Ljubas

फिकरेट बाचिच का एक ही सपना है. अपने परिवार के अवशेषों की तलाश करना. उनको इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि अब सर्ब जनरल रात्को म्लादिच को बोस्निया गृहयुद्ध के मामले में सजा मिलती है या नहीं. 59 वर्षीय बाचिच कहते हैं, "मेरे लिए म्लादिच पहले ही मर चुका है. मेरी किसी चीज में दिलचस्पी है तो मेरी पत्नी, बच्चों और मां को खोजने में." बोस्निया की सर्ब सेना ने 25 जुलाई 1992 को 6 साल की नर्मीना, 12 साल के नर्मीन और उनकी मां मिन्का की उनके घर के सामने हत्या कर दी थी.

स्रेब्रेनित्सा दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में हुआ सबसे बड़ा जनसंहार है. इस जनसंहार में प्रिजेदोर इलाके में जिजाद बाचिच अकेले इंसान हैं, जो यहां हुई हिंसा में जिंदा बच सके. वो कहते हैं, "वे 17 लोग थे. सिर्फ महिलाएं और बच्चे. उनमें सबसे छोटा बच्चा ढाई साल का था." वो याद करते हैं कि पुरुषों को दो दिन पहले ही वहां से ले जाया जा चुका था. महिलाएं और बच्चे घर में इकट्ठे थे. शाम के वक्त सैनिकों ने दरवाजा खटखटाया, उन्हें जबरन घर से बाहर निकाला और उनपर गोलियां बरसा दीं. उन्होंने भाग कर घर के पीछे छिप कर किसी तरह अपनी जान बचाई.

Bosnien und Herzegowina Geschichte über einen Knochenjäger
तस्वीर: DW/Z. Ljubas

जिजाद बाचिच कहते हैं, "उनकी गोलियां चलाने से पहले बच्चे जिस तरह रोए थे मैं उसे कभी नहीं भूल पाया." वह हर दिन घर के सामने उस जगह पहुंचते हैं जहां बच्चों और महिलाओं को मार डाला गया था.

पूर्व यूगोस्लाविया के लिए बनाया गया अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध ट्रिब्युनल, बोस्नियाई सर्बों के सेना प्रमुख रात्को म्लादिच के खिलाफ बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा. रात्को म्लादिच पर स्रेब्रेनित्सा में हुए जनसंहार का आरोप है. अभियोजन पक्ष का कहना है कि म्लादिच ने 1992-95 के बोस्नियाई खूनी संघर्ष के दौरान "महान सर्बिया" बनाने के लिए जातीय सफाई के क्रूर अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

सर्ब जनरल पर युद्ध अपराध का मुकदमा

लेकिन फिकरेट का कहना है कि यह फैसला उनको कुछ भी वापस नहीं दे पायेगा. वे युद्ध के बाद अपने गांव लौटे तो उन्हें मिला अपना उजाड़ घर और बेतरतीब बढ़ी हुई फसलें, लेकिन उन्हें अपने प्रियजनों के शव नहीं मिले. उन्हें कोई अवशेष नहीं मिला. वो कहते हैं, "मैं गांव के हर हिस्से पर हजारों बार चल चुका हूं. जंगलों में, नदियो में... कुछ नहीं मिला." वो कहते हैं, "मैं सोचता हूं कि हर सर्ब पड़ोसी जानता है कि वे कहां हैं लेकिन वो बताना नहीं चाहते." इस गांव में हुई हत्याओँ के लिए पड़ोस के गांव के 14 सर्ब लोगों पर 2015 से मुकदमा चल रहा है.

प्रिजदोर के इलाके में सर्बिया की सेना ने करीब 3200 लोगों की हत्या की थी. बोस्निया के मिसिंग पर्सन इंस्टीट्यूशन के मुताबिक उनमें से 770 लोगों से भी ज्यादा के शव आज भी लापता हैं. बोस्निया संघर्ष में करीब एक लाख से भी ज्यादा लोग मारे गये थे और कम से कम 7 हजार लोग आज भी लापता हैं. मृतकों के शव खोजने में कई अड़चनें सामने आती हैं क्योंकि हत्या करने के बाद आरोपियों ने मृतकों के अवशेषों को छिन्न भिन्न कर दिया. कई बार शरीर की केवल कुछ ही हड्डियां मिल सकीं.

एसएस/एमजे (एएफपी)