भारत ने बनाया उपग्रहों को भेजने का रिकॉर्ड
२२ जून २०१६इस सफल प्रक्षेपण के साथ ही अंतरिक्ष कार्यक्रमों के क्षेत्र में भारत ने नई उपलब्धि हासिल की है. मात्र 26 मिनटों में एक साथ 20 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण हुआ. इनमें अर्थ ऑब्जर्वेशन कार्टोसैट-2 सीरिज भी शामिल था, जिसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा केंद्र से पीएसएलवी से भेजा गया.
पीएसएलवी-सी34 से सतीश धवन स्पेस सेंटर से 727.5 किलोग्राम वजन वाले कार्टोसैट-2 के अलावा पोलर सन सिन्क्रोनस ऑर्बिट के 19 अन्य उपग्रह भी भेजे गए. इन 19 उपग्रहों में से 12 अमेरिका के अर्थ इमेजिंग "डव सैटेलाइट्स" और अन्य अमेरिकी उपग्रह हैं. दो उपग्रह कनाडा एवं जर्मनी और इंडोनेशिया के एक एक उपग्रह शामिल थे.
पीएसएलवी से 20 उपग्रह एक साथ प्रक्षेपित कर इसरो ने 2008 के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. 2008 में 10 सैटेलाइट्स लो अर्थ ऑर्बिट्स में भेजी गई थीं. पीएसएलवी की यह 14वीं भारी भरकम श्रेणी की उड़ान थी. सब उपग्रहों का वजन मिलाकर करीब 1288 किलोग्राम था. इस समय भारत के 11 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट कक्षा में हैं. इसरो ने 1988 से कई रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट भेजे हैं जिनसे मौसम, पानी, समुद्री संसाधनों और आपदा प्रबंधन से जुड़ी तमाम जानकारियां मिलती हैं.
सोशल मीडिया पर बहुत बड़ी फॉलोइंग वाले सक्रिय नेता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो की उपलब्धि की बधाई तुरंत ट्विटर पर दी. प्रधानमंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के स्पेस प्रोग्राम को विज्ञान और तकनीक की ताकत से लोगों के जीवन को बदल देने की क्षमता रखने वाला बताया.
मोदी ने इन उपग्रहों के निर्माण में छात्रों के योगदान की भी तारीफ की. पुणे और चेन्नई के संस्थानों के कई छात्रों ने प्रक्षेपित सैटेलाइटों को बनाने में सहयोग किया है. एक अकादमिक उपग्रह सत्यभामासैट, चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी और दूसरा कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग पुणे ने विकसित किया है.
आरपी/एमजे (पीटीआई)