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अप्रैल से भारत में ही बनेगा आईफोन: मंत्री

३ फ़रवरी २०१७

दुनिया भर में धाक जमाने वाले एपल का आईफोन अब भारत में बनेगा. एपल चीन में अपनी गिरती बिक्री को देखते हुए भारत में पांव जमाना चाहती है ताकि भारतीय मध्यम वर्ग के बीच अपनी जगह मजबूत कर पाए.

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IPhone 3GS iPhone
तस्वीर: Getty Images/J. Sullivan

कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियंक खड़गे ने कहा है कि एपल उनके राज्य में आईफोन एसेंबल करने के लिए राजी हो गई है. एपल की तरफ से इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा गया है. वैसे, भारत के बाजार में एपल के पास अभी बहुत कम हिस्सेदारी है. यहां दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग मार्केट लीडर है. लेकिन एपल के चीफ एग्जीक्यूटिव टिम कुक का कहना है कि वह सवा अरब की आबादी वाले भारत में अहम निवेश करना चाहते हैं.

कर्नाटक के सूचना तकनीक और जैव तकनीक मंत्री प्रियंक खड़गे ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "एपल के साथ हमारी सहमति हुई है और हम उम्मीद करते हैं कि इस साल अप्रैल के अंत से कर्नाटक में मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाएगी." बाजार शोध करने वाली संस्था कैनेलीज के अनुसार भारतीय मोबाइल फोन बाजार में एपल की हिस्सेदारी सिर्फ दो प्रतिशत है जबकि सैमसंग का 23 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा है.

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सैमसंग के पास जहां महंगे और सस्ते सभी तरह के फोन हैं, वहीं एपल सिर्फ महंगे और बेहतरीन क्वॉलिटी वाले उत्पादों के लिए जाना जाता है. पिछले साल 450 डॉलर या उससे ज्यादा कीमत वाले वाले प्रीमियर सेक्टर में 48 फीसदी हिस्सा एपल की झोली में गया. कंपनी ने 2016 में भारत में कई जगह अपने स्टोर खोले. लेकिन एक सरकारी नियम कंपनी की राह में बाधा बनने लगा, जिसके मुताबिक किसी भी विदेशी कंपनी को अपने 30 फीसदी उत्पाद स्थानीय स्तर पर ही तैयार करने होंगे.

इसके बाद सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने और नौकरियों के अवसर बढ़ाने के लिए नियमों में कुछ ढील दी है. इसके मुताबिक स्थानीय उत्पादन की शर्त को पूरा करने के लिए कंपनियों को आठ साल का समय दिया गया है. जानकारों का कहना है कि अगर एपल अपने आईफोन भारत में ही तैयार करता है तो इससे उसकी लागत घटेगी और कीमत के मामले में उसके उत्पाद भारतीय बाजार में बेहतर तरीके से टिक पाएंगे.

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रिसर्च फर्म आईडीसी के जयदीप मेहता कहते हैं, "वे लोग तो यहां आना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने भारत को एक रणनीतिक बाजार माना है. 2016 उनके लिए जबरदस्त साल रहा जब उन्होंने अपने 20 लाख उत्पाद यहां भेजे और अब वे अपने उत्पादों को यहां तैयार करने के बारे में सोच रहे हैं." एपल अभी भारत में अपने उत्पाद अभी थर्ड पार्टी रिटेलर्स के जरिए बेचता है.

एके/वीके (एएफपी)