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ताकि हिटलर का निशां भी न बचे, गिराया जाएगा घर

१८ अक्टूबर २०१६

जर्मन सीमा से लगते ऑस्ट्रियाई शहर का वह घर गिराया जाएगा जहां हिटलर पैदा हुआ था. यहां एक नई इमारत बनाई जाएगी ताकि कोई प्रतीक भी न बचे.

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Österreich Hitler-Haus in Braunau am Inn
तस्वीर: picture alliance/AA/E. Vlasopoulos

पश्चिमी ऑस्ट्रिया के ब्राउनाउ अम इन में बना यह तिमंजिला घर बहुत ही सामान्य है. रंग उतर रहा है, खिड़कियों पर धूल जम रही है. दीवारों पर निशान बता रहे हैं कि इमारत बहुत पुरानी पड़ चुकी है. इलाके के बाकी घरों जैसा यह घर कहीं से भी खास नहीं है. खाली पड़े इस घर में कोई आता-जाता भी नहीं, सिवाय कुछ नियो नाजियों के. इसमें कुछ भी तो देखने लायक नहीं है. लेकिन इस घर को लेकर बरसों से कानूनी जंग चल रही थी. यह घर खास है क्योंकि यहां अडॉल्फ हिटलर जन्मा था.

1889 में इसी घर में अडॉल्फ का जन्म हुआ था. अब ऑस्ट्रियाई सरकार ने इसे गिराने का फैसला कर लिया है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता आंद्रियास ग्रोसशार्टनर ने बताया कि बरसों चली कानूनी लड़ाई के बाद इस घर को गिराने का फैसला हो गया है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि यह घर नियोनाजियों यानी हिटलर के विचारों को मानने वालों के लिए मजार का रूप ना ले ले.

Geburtshaus Adolf Hitler in Braunau
तस्वीर: picture-alliance/dpa

इस बारे में 13 सदस्यीय आयोग ने काफी विचार विमर्श के बाद फैसला किया है. हालांकि यह कैसे होगा और इस इमारत की जगह का क्या किया जाएगा, इस बारे में अभी कानूनी प्रक्रिया के तहत फैसला लिया जाना है. इसके लिए संसद में वोटिंग भी होगी. लेकिन सरकार ने फैसला कर लिया है कि मौजूदा इमारत को गिरा दिया जाएगा.

ऑस्ट्रिया में इस वक्त सोशल डेमोक्रैटिक और पीपल्स पार्टी की साझा सरकार है. साथ ही विपक्षी पार्टियों से भी इस प्रस्ताव का समर्थन करने की उम्मीद की जा रही है और माना जा रहा है कि अब इस प्रस्ताव पर अमल में कोई मुश्किल नहीं होगी. गृह मंत्री वोल्फगांग सोबोत्का ने कहा, "इस इमारत के सांकेतिक महत्व और पहचान को बदलने के लिए इसमें आमूलचूल बदलाव की जरूरत है." मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नींव के अलावा इमारत का कोई मौजूदा हिस्सा नहीं रखा जाएगा और इसकी जगह एक नई इमारत खड़ी की जाएगी. बयान के मुताबिक यहां बनने वाली नई इमारत को सरकार या किसी सामाजिक संस्था को दिया जा सकता है. सरकार जगह को खाली नहीं छोड़ना चाहती क्योंकि उससे ऑस्ट्रिया के इतिहास से नजरें चुराने का संदेश जा सकता है. इस मुद्दे पर बनाए गए आयोग ने सिफारिश की है कि जगह को खाली ना रखा जाए.

तस्वीरों में:

 

इस घर की मालकिन इमारत को बेचने को तैयार नहीं थीं. कई अनुरोधों के बावजूद जब वह महिला घर बेचने को तैयार नहीं हुई तो कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई. मकान मालकिन तो इमारत में थोड़े से भी बदलाव को तैयार नहीं थी क्योंकि उसे लगता था कि इससे जगह की प्रतीकात्मक अहमियत कम हो जाएगी. कुछ इतिहासकार भी उनका साथ देते हैं. वे मानते हैं कि इस इमारत को संरक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि नाजी तानाशाह के परिवार से जुड़ीं कुछ ही इमारतें बची हैं.

पास ही में लियोंडिंग शहर है जहां हिटलर बचपन में रहा था. वहां वाले घर को स्थानीय कब्रिस्तान के वास्ते ताबूत रखने का गोदाम बना दिया गया है. हिटलर के माता पिता की कब्रों को भी हटा दिया गया जब नियोनाजी वहां आने लगे. ऐसा परिवार के ही एक व्यक्ति की गुजारिश पर किया गया. ब्राउनाउ के पास फिशलहाम के जिस स्कूल में हिटलर पढ़ा था, वहां एक बैनर लगाया गया है जिस पर हिटलर के इंसानियत विरोधी कामों की तीखी आलोचना लिखी गई है. बर्लिन का वह बंकर भी बर्बाद कर दिया गया था जिसमें 30 अप्रैल 1945 को हिटलर ने खुदकुशी की थी. वह जमीन काफी समय तक खाली पड़ी रही. फिर 1980 के दशक में वहां एक अपार्मेंट कॉम्पलेक्स बना दिया गया. इस अपार्टमेंट से यहूदी नरसंहार में मारे गए लोगों की याद में बनाया गया स्मारक दिखता है.

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वीके/एके (एएफपी)