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'वन चाइना पॉलिसी' : ट्रंप के बयान पर चीन नाराज

१२ दिसम्बर २०१६

चीन ने कहा है कि वह अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की टिप्पणियों से बेहद चिंतित हैं. ट्रंप ने कहा है कि जरूरी नहीं, अमेरिका ताइवान को चीन का हिस्सा मानने वाली नीति पर आगे भी अमल करे.

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Kombobild Trump und Tsai Ing-wen
तस्वीर: Getty Images/T. Wright/A. Pon

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "एक चीन की नीति ही चीन-अमेरिका संबंधों का आधार है और आने वाले अमेरिकी प्रशासन से हम आग्रह करते हैं कि वह ताइवान के मुद्दे पर चीन की संवेदनशीलताओं को समझें." चीनी प्रवक्ता ने कहा कि 'वन चाइना' सिद्धांत पर अगर कोई समझौता किया गया या उसमें बाधा आई तो चीनी-अमेरिकी संबंधों में हो रही लगातार वृद्धि और द्विपक्षीय सहयोग प्रभावित होगा.

उन्होंने कहा कि चीन ताइवान को अपना 'मूल हित' समझता है जिससे चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता प्रभावित होती है. चीनी प्रवक्ता का यह बयान रविवार को डॉनल्ड ट्रंप के एक इंटरव्यू के बाद आया है. इसमें ट्रंप ने कहा कि वह नहीं समझते कि "अमेरिका को वन चाइना नीति पर अमल करते रहना होगा, बशर्ते हम इसे लेकर चीन के साथ व्यापार समेत अन्य मुद्दों पर कोई समझौता न करें."

ट्रंप ने किस किस से बात की, देखिए

ट्रंप ने इस इंटरव्यू में ताइवान की नेता साइ इंक-वेन के साथ फोन पर अपनी बातचीत का बचाव किया. उन्होंने कहा कि यह चीन तय नहीं कर सकता कि वो ताइवान की नेता से बात करेंगे या नहीं. ताइवान में पिछले 60 साल से उसकी अपनी सरकार चल रही है और चीन का उस पर कोई नियंत्रण नहीं है. फिर भी चीन ताइवान को अपना हिस्सा समझता है, जिसे एक दिन चीन का हिस्सा बनना है.

लेकिन अमेरिका ताइवान का मुख्य सहयोगी है और उसे हथियारों की आपूर्ति करता है. हालांकि अमेरिका और ताइवान के बीच 1979 से राजनयिक संबंध नहीं हैं. राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने ताइवान के साथ रिश्ते तोड़ कर चीन को मान्यता दी थी. तब से ट्रंप पहले अमेरिकी निर्वाचित-राष्ट्रपति हैं जिन्होंने ताइवानी राष्ट्राध्यक्ष से बात की है. व्हाइट हाउस ने ट्रंप के ताजा बयान पर कुछ नहीं कहा है. इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने चीन की मुद्रा नीतियों और साउथ चाइना सी में उसकी गतिविधियों की भी आलोचना की. उत्तर कोरिया पर चीन का रुख भी ट्रंप के निशाने पर रहा. 

उधर, जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि उनका देश ‘वन चाइना पॉलिसी’ पर अमल करता रहेगा. सोमवार को जब उनसे पूछा गया कि क्या ट्रंप की तरह वह भी ताइवान की नेता से बात करेंगी तो उन्होंने कहा, “हम वन चाइना पॉलिसी पर अमल करते रहेंगे. हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं है.” मैर्केल ने बतौर चांसलर पिछले 11 सालों में चीन का नियमित रूप से दौरा किया है और उसके साथ आर्थिक संबंध कायम किए हैं. हालांकि 2007 में दलाई लामा का स्वागत कर वह चीन को नाराज कर चुकी हैं.  

एके/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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