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ठीक हो सकता है सर्वाइकल कैंसर

३ जनवरी २०१८

हाल के आंकड़े बताते हैं कि 15 से 44 वर्ष की आयु में भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का दूसरा सबसे आम कारण गर्भाशय-ग्रीवा या सर्वाइकल कैंसर है. अगर समय पर इलाज शुरू हो जाए, तो इस रोग से मुक्ति पाई जा सकती है.

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Krebs Krebszelle Illustration Lungenkrebs
तस्वीर: Imago/Science Photo Library

भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर के लगभग 1,22,000 नए मामले सामने आते हैं, जिसमें लगभग 67,500 महिलाएं होती हैं. कैंसर से संबंधित कुल मौतों का 11.1 प्रतिशत कारण सर्वाइकल कैंसर ही है. यह स्थिति और भी खराब इसलिए हो जाती है कि देश में मात्र 3.1 प्रतिशत महिलाओं की इस हालत के लिए जांच हो पाती है, जिससे बाकी महिलाएं खतरे के साये में ही जीती हैं.

सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स की लाइनिंग, यानि यूटरस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है. सर्विक्स की लाइनिंग में दो तरह की कोशिकाएं होती हैं, स्क्वैमस या फ्लैट कोशिकाएं और स्तंभ कोशिकाएं. गर्भाशय ग्रीवा के क्षेत्र में जहां एक सेल दूसरे प्रकार की सेल में परिवर्तित होता है, उसे स्क्वेमो-कॉलमर जंक्शन कहा जाता है. यह ऐसा क्षेत्र है, जहां कैंसर के विकास की सबसे अधिक संभावना रहती है. गर्भाशय-ग्रीवा का कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और समय के साथ पूर्ण विकसित हो जाता है.

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉक्टर केके अग्रवाल ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर मानव पैपीलोमा वायरस या एचपीवी के कारण होता है. उन्होंने कहा कि एचपीवी संक्रमण यौन संपर्क या त्वचा संपर्क के माध्यम से फैलता है. कुछ महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में एचपीवी संक्रमण लगातार बना रहता है और इस रोग का कारण बनता है. इन परिवर्तनों का नियमित ग्रीवा कैंसर स्क्रीनिंग (पेप टेस्ट) द्वारा पता लगाया जा सकता है. पैप परीक्षण के साथ, गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं का एक सतही नमूना नियमित पेल्विक टेस्ट के दौरान एक ब्रश से लिया जाता है और कोशिकाओं के विश्लेषण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है.

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शरीर में कैंसर को फैलने से कैसे रोका जाए

सर्वाइकल कैंसर के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं: योनि से असामान्य रूप से खून बहना, रजोनिवृत्ति या यौन संपर्क के बाद योनि से रक्तस्राव, सामान्य से अधिक लंबे समय तक मासिक धर्म, अन्य असामान्य योनि स्राव और यौन बाद के दौरान दर्द के बीच रक्तस्राव.

डॉक्टर अग्रवाल ने आगे बताया, "सर्वाइकल कैंसर को अक्सर टीकाकरण और आधुनिक स्क्रीनिंग तकनीकों से रोका जा सकता है, जो गर्भाशय ग्रीवा में परिवर्तन का पता लगाता है." इस कैंसर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कैंसर की अवस्था या फिर अन्य स्वास्थ्य समस्याएं. इलाज के लिए सर्जरी, विकिरण, कीमोथेरेपी या फिर तीनों को मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

कसरत करेगी कैंसर से उबरने में मदद

ऐसे बचें इस बीमारी से

सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए इन बातों का ध्यान रखा जा सकता है:

  • कंडोम के बिना कई व्यक्तियों के साथ यौन संपर्क से बचें.
  • हर तीन साल में एक पेप टेस्ट करवाएं, क्योंकि समय पर पता लगने से इलाज में आसानी होती है.
  • धूम्रपान छोड़ दें, क्योंकि सिगरेट में निकोटीन और अन्य घटकों को रक्त की धारा से गुजरना पड़ता है और यह सब गर्भाशय-ग्रीवा में जमा होता है, जहां वे ग्रीवा कोशिकाओं के विकास में बाधक बनते हैं. धूम्रपान प्रतिरक्षी तंत्र को भी दबा सकता है.
  • फल, सब्जियों और पूर्ण अनाज से समृद्ध स्वस्थ आहार खाएं, लेकिन मोटापे से दूर रहें.

आईएएनएस/आईबी