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चीन ने भारतीय प्रतिभाओं की अनदेखी कर गलती की: चीनी मीडिया

२४ फ़रवरी २०१७

चीनी मीडिया का कहना है कि चीन ने विज्ञान और प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में भारतीय विशेषज्ञों की अनदेखी कर गलती की है.

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तस्वीर: STR/AFP/Getty Images

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन को भारत की वैज्ञानिक प्रतिभाओं को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहिए. अखबार ने अपने एक लेख में कहा, "चीन ने भारतीय प्रतिभाओं की अनदेखी कर गलती की है. इसके बजाय चीन ने अमेरिका और यूरोप की प्रतिभाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने पर ज्यादा जोर दिया है."

अखबार लिखता है, "चीन शायद ऐसे पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है जिससे भारत से विज्ञान और प्रोद्योगिकी क्षेत्र की प्रतिभाएं चीन की तरफ आकर्षित हों." इस तरह अकसर भारत की आलोचना भरे लेख छापने वाले ग्लोबल टाइम्स में भारतीय प्रतिभाओं की तारीफ की गई है.

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अखबार लिखता है, "हाल के कुछ सालों में, चीन में तकनीकी क्षेत्र में नौकरियों के बहुत अवसर पैदा हुए हैं क्योंकि चीन शोध और विकास से जुड़े विदेशी केंद्रों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन बन गया है. लेकिन अब कुछ हाई टेक कंपनियां चीन की बजाय भारत की तरफ रुख कर रही हैं क्योंकि भारत में चीन के मुकाबले सस्ता श्रम है. भारत से उच्च तकनीकी क्षेत्र की प्रतिभाओं को आकर्षित करना चीन के लिए अपनी उन्नतशीलता को बनाए रखने का एक विकल्प हो सकता है."

अखबार ने इन रिपोर्टों का हवाला भी दिया जिनके मुताबिक अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी सीए टेक्नोलजीज ने चीन में 300 कर्मचारियों वाली अपनी शोध और विकास टीम को खत्म कर दिया है और भारत में अपनी ऐसी टीम बनाई है जिसमें हाल के सालों में लगभग 2,000 वैज्ञनिक और तकनीकी पेशेवरों को शामिल किया गया है. चीनी अखबार लिखता है कि अपनी युवा प्रतिभाओं के कारण भारत तकनीकी कंपनियों को अपनी तरफ ज्यादा से ज्यादा आकर्षित कर रहा है.

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ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, "चीन उच्च तकनीकी क्षेत्र में निवेश करने वालों को खोने का जोखिम नहीं उठा सकता. अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्र में देश तीसरे स्थान पर है और अमेरिका के करीब पहुंचने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है. इसी से तय होगा कि क्या चीन उभरती वैश्विक शक्ति के अपने रुतबे को बनाए रख पाएगा."

चीन ने हाल के सालों में वैज्ञानिक और तकनीकी शोध पर अरबों डॉलर का निवेश किया. लेकिन देश की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है. ऐसे में उसके यहां काम करने वाले लोगों की कमी हो रही है.

एके/ओएसजे (पीटीआई)

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