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धोनी से बड़ा बैट किसी का ना होः रिकी पोंटिंग

विवेक कुमार६ जुलाई २०१६

क्रिकेट बैट का आकार तय होना चाहिए या नहीं. कोई भारी बल्ला रखे और कोई हल्का, क्या यह सही है? क्रिकेट एक्सपर्ट इस बात पर बहस कर रहे हैं.

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Kate und William in Indien
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान रिकी पोंटिंग चाहते हैं कि बैट के आकार की हद तय की जाए. रनों की रफ्तार जिस तेजी से बढ़ी है, उसके बाद बैट के आकार को लेकर बहस तेज हुई है. जल्दी ही इस तरह के मुद्दों पर क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की बैठक होनी है.

बैट बनाने वाली कंपनियां अब ज्यादा मोटे बैट बना रही हैं. उनमें शॉट के लिए सबसे अच्छी मानी जाने वाली जगह यानी स्वीट स्पॉट ज्यादा बड़ा होता है. इससे बैट भारी भी नहीं होता और रन बनाने में बैट्समैन को फायदा भी मिलता है. पिछले दशकों में भी बैट्समैन मोटे बैट इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन वे अब की तुलना में ज्यादा भारी होते थे.

पोंटिंग को बड़े या भारी बैट से ऐतराज नहीं है लेकिन वह चाहते हैं कि कोई हद तय हो. उन्होंने कहा, "कम ओवर के मैच में बड़े बैट से मुझे कोई ऐतराज नहीं है. बल्कि मैं तो कहूंगा कि ऐसा करना चाहिए कि टेस्ट मैच के लिए एक तरह का बैट इस्तेमाल हो और टी20 या वनडे मैचों के लिए अलग तरह का."

पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि मेरिलबॉन क्रिकेट क्लब में होने वाली वर्ल्ड क्रिकेट कमिटी की बैठक में यह मुद्दा उठाया जाएगा. पूरी दुनिया के लिए क्रिकेट के नियम बनाने का जिम्मा मेरिलबॉन क्रिकेट क्लब का ही है. इस कमिटी के सदस्य पोंटिंग ने कहा, "कम ओवरों के मैच तो बाउंड्री पर टिके होते हैं. चौके और छक्के ही उनका आधार हैं. लेकिन टेस्ट मैच में भी बल्लेबाजों का वर्चस्व बढ़ गया है. अब उनके लिए टेस्ट मैच पहले से ज्यादा आसान हो गए हैं."

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क्रिकेट बैट के लिए अभी भी कुछ हदें तय की गई हैं. जैसे कि इसकी लंबाई 38 इंच से ज्यादा नहीं हो सकती. इसकी चौड़ाई 4.25 इंच से ज्यादा नहीं हो सकती. लेकिन इसकी गहराई या मोटाई और वजन को लेकर कोई हद तय नहीं है. पोंटिंग ने कहा कि वह बल्लेबाजों को मोटे बैट इस्तेमाल करने के लिए कोई कसूरवार नहीं ठहरा रहे हैं, "अगर आप में इतनी ताकत है कि उन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं तो बहुत अच्छी बात है. लेकिन आपको ऐसा बैट तो इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ना जो धोनी के बल्ले से आकार में तो बड़ा है पर वजन में हल्का है." पोंटिंग ने क्रिस गेल के बल्ले का भी जिक्र किया. वेस्ट इंडीज के इस धमाकेदार बल्लेबाज का बैट सामान्य से बड़ा है. उन्होंने कहा, "सब लोग गेल के बल्ले की बात करते हैं. यह डेढ़ किलो का है. लेकिन वह इस बैट को उठाने लायक विशाल और ताकतवर भी हैं. मुझे चिंता तब होती है जब बैट बहुत बड़ा और बहुत हल्का हो."

बैट को लेकर पोंटिंग के इस विचार से और भी कई क्रिकेटर सहमत हैं. जैसे कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाद जोश हेजलवुड ने कहा कि वह पोंटिंग की बात का समर्थन करते हैं. जब उनसे पूछा गया कि टेस्ट मैचों में बैट का आकार तय करने पर उनका क्या विचार है तो उन्होंने कहा कि ऐसा जरूर होना चाहिए, "आजकल जो बल्ले प्रयोग किए जा रहे हैं, वे कुछ ज्यादा ही बड़े हैं." जोश की अपनी टीम के बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और उस्मान ख्वाजा बड़े बल्ले रखते हैं.

भारत के क्रिकेट कोच अनिल कुंबले भी बैट के आकार को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि नियम बनाने वालों को इस बारे में सोचना ही चाहिए.

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वीके/आईबी (एएफपी)