थाईलैंड का बाघ वाला मंदिर
बाघ को देखने के लिए लोग चिड़ियाघर या फिर वन्य अभयारण्यों में जरूर जाते हैं लेकिन मंदिर के बारे में कभी आपने सुना है? भारत में चूहों और नाग देव के मंदिर मशहूर हैं और थाईलैंड में है बाघ वाला मंदिर.
कंचनबुरी नाम की जगह के बौद्ध मठ में बाघ रहते हैं, ये बात थाईलैंड के लिए कतई नई नहीं है. 2001 से इन्हें यहां से हटाने की कोशिशें चल रही थीं. आखिरकार सरकार ने सख्ती दिखा ही दी.
जहां दुनिया भर में बाघों की घटती संख्या को ले कर चिंता जताई जा रही है, वहीं किसी मंदिर या मठ में एक साथ 300 बाघों का होना और वह भी सरकार के नियंत्रण से पूरी तरह बाहर, यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी के गले से नीचे नहीं उतर पा रहा था.
अगर आप बाघ के साथ सेल्फी खिंचवा रहे हैं, तो या तो आप बहुत ही बहादुर हैं या फिर बाघ के साथ कुछ तो गड़बड़ है. जांच होना अभी बाकी है लेकिन ऐसी खबरें हैं कि मंदिर में रखे गए इन बाघों को नशीली दवाएं दी जाती थीं.
चीन और मध्य एशिया में पारंपरिक रूप से बाघ की हड्डियों से कई तरह की दवाएं बनती हैं. इनमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय है मर्दानगी बढ़ाने वाली दवा. लोगों को यह गलतफहमी है कि बाघ की हड्डियां इस्तेमाल करने से पुरुषों की मर्दानगी भी उन्हीं जैसी हो जाएगी.
दवाएं बनाने के लिए बाघों को मारा गया या उनकी तस्करी की गयी, इस बात से मंदिर प्रशासन लगातार इंकार करता रहा है लेकिन रेड के दौरान मंदिर के एक फ्रीजर में से 40 मरे हुए शावकों का मिलना शक को यकीन में बदलता है.
बाघों के अलावा थाईलैंड के बाजारों में और भी कई तरह के वन्य जीवों से बनी दवाएं मिल जाती हैं. इनमें कई ऐसे पक्षी, सांप और कीड़े भी मौजूद होते हैं जो विलुप्त होने की कगार पर हैं. रेड के दौरान मंदिर से भी कुछ ऐसे पक्षी मिले हैं.
इन बाघों को अब यहां से सुरक्षित अभयारण्यों में ले जाया जा रहा है. बाघों के लिए यह अच्छी खबर है, तो वहीं मंदिर प्रशासन का कथित धंधा चौपट हो रहा है. और साथ ही टूरिस्ट निराश हैं कि अब "सेल्फी विद टाइगर" के टैग के साथ फेसबुक पर क्या पोस्ट करेंगे!