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आतंकवाद

मुंबई हमले के सबसे पहले पीड़ितों को अब नसीब हुई मौत

७ फ़रवरी २०१७

एक अदालत ने उन तीन मछुआरों को मृत घोषित कर दिया है जिन्हें 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले का सबसे पहला पीड़ित माना जाता है. हमले को आठ साल से ज्यादा समय बीत चुका है. इन हमलों में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे.

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Pakistan Indien Anschläge von Mumbai Taj Hotel
तस्वीर: picture-alliance/dpa

आतंकवादियों ने मुंबई के रास्ते में कुछ मछुआरों की एक नाव को छीन लिया था. इसी नाव से वे मुंबई पहुंचे थे. वे तीन मछुआरे तब से लापता थे. ऐसा माना जाता रहा कि आतंकवादियों ने उन्हें मार कर समुद्र में फेंक दिया था. लेकिन उनके शव बरामद ना हो पाने के कारण उन्हें कानूनन मृत घोषित नहीं किया जा सका था.

अहमदाबाद की एक अदालत ने अब फैसला सुनाया है कि उन मछुआरों के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिये जाएं. सरकारी वकील टीसी सुले ने बताया, "कोर्ट ने मारे गये मछुआरों के परिजनों की अर्जी मंजूर कर ली है."

नवंबर 2008 में गुजरात के तट के पास मछली पकड़ने वाली एक नाव पर पांच मछुआरे सवार थे. इस नाव को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था. नाव का कैप्टन मृत पाया गया था लेकिन अन्य चार के शव कभी नहीं मिले. सुले ने बताया कि अब तक यही माना जा रहा है कि चारों मछुआरे हमलावर आतंकियों का शिकार हुए लेकिन भारतीय कानून के तहत किसी को तभी मृत घोषित किया जा सकता है जब उसका शव मिल जाए या फिर सात साल तक उसके जीवित होने का कोई प्रमाण न मिले.

देखिए, तस्वीरों में मुंबई हमला

बीते साल जनवरी में चार में से तीन मछुआरों के परिवारों ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उन्हें अपने परिजनों के मृत्यु प्रमाण दिये जाएं. इस प्रमाण पत्र के ना होने के कारण ही आजतक उन्हें मुंबई हमलों के पीड़ितों के लिए घोषित मुआवजा नहीं मिला पाया है. सुले ने कहा, "अब ये परिवार भारत सरकार द्वारा घोषित सुविधाएं ले सकते हैं." चौथे मछुआरे के परिजनों ने कोर्ट में अपील नहीं की है.

मुंबई हमले में 10 आतंकी शामिल थे. ये लोग कुबेर नाम की इस नाव को छीनकर इससे मुंबई पहुंचे और फिर तीन दिन तक उन्होंने शहर में कत्लेआम मचाया. इन 10 में से सिर्फ एक को जिंदा पकड़ा जा सका जबकि बाकी 9 को सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में मार गिराया. लेकिन तीन दिन तक चले इस भयानक आतंकी हमले में 160 से ज्यादा लोगों की जान गई. इनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे. भारत का आरोप है कि इन आतंकवादियों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई. पाकिस्तान इस आरोप को नकारता रहा है.

वीके/एके (एएफपी)