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रोज रात को ब्रिटेन में घुसने की कोशिश करते हजारों लोग

१६ सितम्बर २०१६

ब्रिटेन से लगती सीमा पर फ्रांस के शहर कैले में हजारों शरणार्थियों रहते हैं. ये सब ब्रिटेन जाने का ख्वाब पाले थे जो टूट गया. लिहाजा अब ये लोग अपना बोरिया बिस्तर समेटने लगे हैं.

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Frankreich Calais Jungle Zaun Flüchtinge
तस्वीर: picture-alliance/AA/M. Yalcin

ब्रिटेन से लगती फ्रांस की सीमा पर रहने वाला सज्जाद अफगानिस्तान से आया शरणार्थी है. 19 साल का सज्जाद कई बार सीमा पार कर ब्रिटेन में घुसने की कोशिश कर चुका है. लेकिन हमेशा नाकाम रहा. अब उसने सोच लिया है कि ब्रिटेन जाने का इरादा छोड़ देगा और फ्रांस में रहकर कुछ कामधाम खोजेगा. वह कहता है, "इंग्लैंड जाने से ज्यादा जरूरी है मेरी जिंदगी. अब यह बहुत खतरनाक हो चुका है. इसलिए अब मैंने वहां जाने की बात ही छोड़ दी है."

कैले में बने इस शरणार्थी कैंप का नाम है जंगल. यहां रहने वाले हजारों शरणार्थी फ्रांस की राजनीति के केंद्र में एक उबलता मुद्दा हैं. ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ छोड़ दिया है और फ्रांस में अगले साल अप्रैल में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. इन दोनों वजहों ने 'जंगल' की आग को और भड़का दिया है.

Frankreich Calais Jungle Zaun Flüchtinge
तस्वीर: Getty Images/C. Furlong

अफ्रीका और मध्य पूर्व में युद्ध और गरीबी से तंग आकर अपनी जमीन छोड़कर भाग आए लोगों की बड़ी तादाद समुद्र के रास्ते कैले में ही पहुंची थी. हालांकि इनमें से ज्यादातर लोग फ्रांस नहीं आना चाहते थे. वे तो ब्रिटेन पहुंचने का सपना लेकर आए थे. इसकी एक वजह तो यह है कि ब्रिटेन में पहले से ही काफी प्रवासी है इसलिए कोई न कोई जान-पहचान वाला मिल सकता है. दूसरा, वहां नौकरियां भी ज्यादा हैं. फ्रांस के 10 पर्सेंट की बेरोजगारी दर के मुकाबले ब्रिटेन में सिर्फ 5 फीसदी बेरोजगारी है. इसलिए ये हजारों लोग रोज रात को फ्रांस की सीमा से छिप-छिपाकर ब्रिटेन में घुसने की कोशिश करते हैं. ब्रिटेन और फ्रांस के बीच 35 किलोमीटर चौड़ा समुद्र है, जिसे पार करने का सपना लिए रोज रात को ये हजारों लोग जागते रहते हैं. कभी किसी ट्रक में छिपकर, किसी फेरी में घुसकर या किसी और के साथ लगकर ब्रिटेन पहुंच जाने की ये कोशिशें ज्यादातर नाकाम ही होती हैं. कई बार इनका अंजाम मौत भी होता है. दर्जनों प्रवासी इस कोशिश में जान गवां चुके हैं.

जंगल कैंप में इस वक्त 7000 से 9000 के बीच शरणार्थी हैं. दर्जनों कोशिशों के बाद अब इनमें से ज्यादातर की हिम्मत टूटने लगी है. सज्जाद की तरह बहुत से लोग ब्रिटेन जाने का सपना छोड़कर फ्रांस में ही बसने की कोशिशों में जुट रहे हैं. इसकी वजह फ्रांस की कोशिशें भी हैं. कैंप में एक सरकारी शेल्टर चलाने वाले स्टीफन डूवाल बताते हैं, "कुछ महीनों पहले जब हम कैंप के लोगों से पूछते थे कि ब्रिटेन जाना है या फ्रांस में रहना है तो ज्यादातर लोगों का जवाब होता था कि ब्रिटेन जाना है. अब यह स्थिति बदल रही है."

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वैसे फ्रांस में भी प्रवासियों को लेकर पूरी तरह आशावाद नहीं है. पूरे यूरोप में शरणार्थी विरोधी जज्बात महसूस किए जा सकते हैं. फ्रांस में भी स्थिति यही है. दक्षिणपंथी नेता नेशनल फ्रंट की मरीन ला पेन राष्ट्रपति चुनावों के पहले दौर के सर्वेक्षणों में सबसे आगे रही हैं. इसी तरह की वजहों से मौजूदा राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद पर जंगल कैंप को बंद करने का दबाव है. साल के शुरू में सरकार ने कैंप के दक्षिणी हिस्से पर तो बुल्डोजर चलवा भी दिया था. अब गृह मंत्री बेर्नार्ड कैजनोएव ने वादा किया है कि बाकी हिस्से को भी जल्द तोड़ दिया जाएगा. और ब्रिटेन भी कैले से लगती सीमा पर नई दीवार बना रहा है. एक किलोमीटर लंबी इस दीवार के बनने के बाद समुद्र पार करके भी ब्रिटेन में घुसना असंभव हो जाएगा. इसलिए अब जंगल के वासी अपना बिस्तर समेटने लगे हैं.

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वीके/एमजे (रॉयटर्स)