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उफान पर है जर्मनी का हथियार निर्यात

विवेक कुमार६ जुलाई २०१६

जर्मनी का हथियार निर्यात तेजी से बढ़ रहा है. इस साल नया रिकॉर्ड बन सकता है. 2015 में भी रिकॉर्ड निर्यात हुआ था.

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Bildgalerie Kriegswaffen in Heikendorf Kampfpanzer
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/C. Rehder

जर्मनी का हथियार निर्यात पूरे उफान पर है. 2015 में दोगुना हो गया था. इस साल नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है क्योंकि पहली छमाही में ही पिछले साल से बेहतर प्रदर्शन हो चुका है. लेकिन जर्मन सरकार ऐसा चाहती नहीं थी.

जर्मन अखबार डी वेल्ट ने एक रिपोर्ट में बताया है कि 2016 की पहली छमाही में देश का हथियार निर्यात बीते साल की पहली छमाही से 50 करोड़ यूरो ज्यादा हो चुका है. 2016 की पहली छमाही में देश ने 4 अरब यूरो से ज्यादा के हथियार बेचने के सौदे कर लिए हैं. 2015 की पहली छमाही में साढ़े तीन अरब यूरो का निर्यात हुआ था.

Infografik Deutsche Waffenexporte seit 2002 Englisch

इस खबर के आने से एक दिन पहले ही सरकार को हथियार निर्यात बढ़ने पर सफाई देनी पड़ी थी क्योंकि वेल्ट अम जोनटाग अखबार ने खुलासा किया था कि 2015 में जर्मनी का हथियार निर्यात 2014 से दोगुना रहा था और यह एक रिकॉर्ड है. ऐसा तब हो रहा है जब सरकार ने वादा किया था कि हथियारों के निर्यात में कमी लाई जाएगी. वित्त मंत्री और वाइस चांसलर जिगमार गाब्रिएल ने पद संभालते ही कहा था कि वह हथियार निर्यात में कमी लाना चाहते है.

हथियार निर्यात रिपोर्ट 2015 बताती है कि साल भर में 7.86 अरब यूरो का निर्यात हुआ. 2014 के मुकाबले यह दोगुना था. समाचार चैनल एआरडी के मुताबिक जर्मनी ने इस सदी का अब तक का सबसे ज्यादा हथियार निर्यात 2015 में ही किया है.

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2016 के पहले छह महीनों में ही निर्यात 4 अरब यूरो को पार कर चुका है. इनमें से 1.7 अरब यूरो के हथियार मिडल ईस्ट और उत्तरी अफ्रीका गए हैं जहां युद्ध चल रहे हैं. इनमें अल्जीरिया के साथ हुआ एक अरब यूरो का फ्रिगेट समझौता भी है जिसके तहत लड़ाकू समुद्री जहाज बेचा गया था.

2013 में जब गाब्रिएल वित्त मंत्री बने थे तो उन्होंने शपथ ली थी कि अपने कार्यकाल में वह जर्मनी के हथियार निर्यात में कमी करेंगे. अब नए आंकड़ों के बाद उनसे जवाब देते नहीं बन रहा है. हालांकि उनकी सफाई यह है कि जिन समझौतों के कारण ये आंकड़े बढ़े हैं वे उनके मंत्री बनने से पहले ही हो चुके थे. अल्जीरिया से युद्धपोत का समझौता ऐसा ही है. इसकी मंजूरी गाब्रिएल के पद संभालने से पहले ही दी जा चुकी थी.

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लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है. हाल के सालों में जर्मनी ने जिन देशों को हथियार बेचे हैं उनमें गैर नाटो देश ज्यादा हैं. सीडीयू-एफडीपी ने जब 2009 में सरकार बनाई थी तो नाटो सदस्य देशों को ज्यादा हथियार बेचे जाते थे. गैर नाटों देशों को तब कुल हथियारों का 20 से 40 फीसदी बेचा जा रहा था. इस सरकार के आने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी तक पहुंच गया है.

विवेक कुमार