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घाना में गांधी की मूर्ति हटाने की मांग

मानसी गोपालकृष्णन२१ सितम्बर २०१६

अफ्रीकी देश घाना में कुछ प्रोफेसरों ने अपने यूनिवर्सिटी कैंपस से महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटाने की मांग की है. यूनिवर्सिटी ऑफ घाना के इन प्रोफेसरों का कहना है गांधी अफ्रीकी लोगों को लेकर नस्लवादी रवैया रखते थे.

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एक ऑनलाइन याचिका में अकोसुआ अदोमाको एपोफो के नेतृत्व में कई प्रोफेसरों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से गांधी की मूर्ति हटाने को कहा है. जब पिछले साल भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने घाना का दौरा किया था तो ये मूर्ति वहां की सरकार को उपहार के तौर पर दी गई थी.

इन अध्यापकों का कहना है कि मूर्ति को यूनिवर्सिटी परिसर में लगाने से पहले उनसे विचार विमर्श नहीं किया गया. अपनी याचिका में प्रोफेसरों ने कहा है, “इतिहासकार कैसे पढ़ाएगा और बताएगा कि काले लोगों को लेकर गांधी का रवैया ठीक नहीं था और देखिए हम अपने परिसर में उनकी मूर्ति लगातार उन्हें महिमामंडित कर रहे हैं.”

गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को जन्मे गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक रहे हैं और ब्रिटिश राज के खिलाफ अपनी अहिंसक मुहिम के लिए जाने जाते हैं. वह 1888 में पढ़ाई के लिए लंदन गए थे. भारत लौटने के कुछ समय बाद ही वो केप कोलोनी (जिसे अब दक्षिण अफ्रीका कहा जाता है) चले गए. अफ्रीका में उन्होंने कई बार नस्लवाद झेला और उन्हें भारतीय होने के नाते ट्रेन से फेंक दिया गया जबकि उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकट था.

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माना जाता है कि ऐसी ही घटनाओं के प्रेरित होकर उन्होंने रंगभेद के खिलाफ आवाज बुलंद की. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ सफल मुहिम चलाने वाले नेल्सन मंडेला गांधी को अपना प्रेरणास्रोत मानते थे. लेकिन घाना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों का कहना है कि गांधी ने अफ्रीकी लोगों को सामाजिक तौर पर भारतीयों से कमतर समझा. अपने लेखन में उन्होंने अफ्रीकी लोगों को ‘काफिर' कहा है जो काले लोगों के लिए अपमानजनक होता है.

बॉम्बे में 1896 में उन्होंने एक सार्वजनिक सभा में कहा था, “यूरोपीय लोग जिस तरह हमें नीचे गिराना चाहते हैं, उसके खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा. वह चाहते हैं कि हमें गंवार काफिरों से भी नीचे ले जाएं जिनका पेशा शिकार करना है और जो सिर्फ यही चाहते हैं कि पत्नी खरीदने के लिए कुछ जानवर जमा कर लें और जो अपनी जिंदगी निठल्ले और नंगे ही बिताते हैं.”

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गांधी की मूर्ति के खिलाफ याचिका में उनकी ऐसी कई बातों को शामिल किया गया है. इसके मुताबिक, “हम समझते हैं कि अगर हमारे कैंपस में किसी की मूर्ति लगे तो वो अफ्रीकी नायक और नायिकाएं होनी चाहिए जो बताएं कि हम कौन लोग हैं और हमने क्या हासिल किया है.”

अहिंसक संघर्ष की अपनी विरासत के बावजूद गांधी एक विवादित शख्सियत रहे हैं. अफ्रीकी लोगों के प्रति उनकी टिप्पणियों के अलावा यौन विषयों को लेकर उनकी सोच पर भी सवाल उठाए जाते हैं. भारत की जाति प्रथा का समर्थन करने के लिए भी उनकी आलोचना होती है.

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