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22 अरब पुराने नोटों का क्या करेगा भारत?

२५ नवम्बर २०१६

भारत में नोटबंदी का नतीजा यह हुआ है कि बैंकों के पास पुराने नोटों का ढेर लगना शुरू हो गया है. अब केंद्रीय रिजर्व बैंक इन पुराने नोटों को ठिकाने लगाने की योजना बना रहा है.

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Indien Ansturm auf Bank Umtausch von Rupien Scheinen
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Nath

पिछले दो हफ्ते से भारत के बैंकों में 500 और हजार रुपये के पुराने नोट धड़ाधड़ जमा हो रहे हैं. 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और हजार रुपये के नोट एकाएक बंद करने का ऐलान कर दिया. लोगों को अपने पास रखे गए पुराने नोट बदलवाने के लिए दो महीने से भी कम का वक्त दिया गया था. लिहाजा लोगों ने पूरे जोरशोर से बैंकों में नोट बदलवाने का काम शुरू कर दिया. नतीजा यह हुआ है कि बैंकों के पास पुराने नोटों का ढेर लगना शुरू हो गया है. अब केंद्रीय रिजर्व बैंक इन पुराने नोटों को नष्ट करने की योजना बना रहा है.

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एक अनुमान के मुताबिक बैंकों में 22 अरब पुराने नोट जमा हो जाएंगे जो सिर्फ कचरा होगा. अगर इन नोटों का एक के ऊपर एक ढेर लगाया जाए तो उस ढेर की ऊंचाई एवरेस्ट से 300 गुना ज्यादा होगी. दरअसल 8 नवंबर से पहले भारत में 90 अरब नोट चलन में थे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक इनमें से 500 और 1000 रुपये के नोट 86 फीसदी थे.

आरबीआई अधिकारियों ने बताया है कि 22 अरब नोटों को कचरा ही समझा जाएगा. इसका मतलब है कि ये बस कागज के टुकड़े होंगे. इन्हें मशीन से काटकर ईंटों के आकार में बदल दिया जाएगा. आमतौर पर कागज से बनी ऐसी ईंटों का इस्तेमाल फैक्ट्रियों में किया जा सकता है लेकिन पुराने नोटों के साथ ऐसा नहीं किया जाएगा. आरबीआई प्रवक्ता अल्पना किलावाला ने बताया, "ये ईंटें नोट के कागज से बनी होंगी. ये बहुत नाजुक होंगी और किसी काम नहीं आएंगी. लिहाजा इन्हें मिट्टी के नीचे दबा दिया जाएगा."

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नोट के कुछ कचरे का इस्तेमाल छोटी छोटी चीजें बनाने में हो सकता है जैसे कि पेपर वेट या पेन स्टैंड या टी कोस्टर आदि. किलावाला ने बताया कि इन चीजों को बैंक के मेहमानों को तोहफे में दिया जा सकता है या बैंक में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

आरबीआई अधिकारियों का कहना है कि पुराने नोटों के इस ढेर से निपटना कोई बड़ी बात नहीं होगी. किलावाला ने बताया, "बैंक को इन नोटों को नष्ट करने में कोई मुश्किल नहीं होगी क्योंकि हमारे पास काफी मशीनें हैं." 2015 और 2016 में आरबीआई ने 16.4 अरब नोट नष्ट किए हैं.

चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा नोट छपते हैं. ऐसा इसलिए भी है कि भारत में ज्यादातर काम कैश में ही होता है. अलग अलग देशों में पुराने और चलन से बाहर हो चुके नोट नष्ट करने के लिए अलग अलग तरीके आजमाए जाते हैं. 1990 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड अपने पुराने नोटों को जला देता था और फिर उस गर्मी से बैंक की इमारत को गर्म रखा जाता था. बाद में उन नोटों को रीसाइकल करके खाद बनाने का काम शुरू किया गया.

2012 में हंगरी के केंद्रीय बैंक ने अपने पुराने नोटों को जलाकर कुछ जरूरतमंद लोगों के घर गर्म किए थे. बैंक ने पुराने नोटों से ईंधन की ईंटें बना दी थी और उन्हें मानव सेवा संस्थानों को भेज दिया ताकि जरूरतमंदों को दिया जा सके.

वीके/एके (डीपीए)