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बेंगलुरु छेड़छाड़ वीडियो मामले में चार गिरफ्तार

५ जनवरी २०१७

बेंगलुरु में पुलिस ने एक महिला से छेड़छाड़ वाले वीडियो के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इस वीडियो के सामने आने के बाद भारत में महिलाओं की सुरक्षा पर फिर बहस शुरू हो गई है.

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Screenshot Youtube Indien Bangalore Sexuelle Belästigung an Silvester
तस्वीर: youtube.com/NTV Telugu

यह वीडियो बेंगलुरु में नए साल के जश्न के मौके पर महिलाओं के साथ बड़े पैमाने पर हुई छेड़छाड़ की घटना से अलग है. इसमें दिखाया गया है कि 31 दिसंबर की रात को एक महिला रिहायशी इलाके में सुनसान सी सड़क पर जा रही है. तभी स्कूटर पर जा रहे दो लड़के रुके और उन्होंने छेड़छाड़ शुरू कर दी. वीडियो में एक व्यक्ति लड़की को पकड़कर स्कूटर की तरफ खींचता दिख रहा है और वह खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही है. कई लोग इस घटना को चुपचाप खड़े देखते रहे. बाद में ये दोनों लड़की को जमीन पर गिरा छोड़ कर वहां से भाग गए.

पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार किया है. शहर के एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि ये लोग मामले से सीधे तौर पर जुड़े हैं. नाम ना जाहिर करने की शर्त पर इस अधिकारी ने बताया, "इस मामले में साफ सबूत हैं.” हालांकि पुलिस अधिकारी ने यह नहीं बताया कि दो अन्य लोगों को इस मामले में क्यों गिरफ्तार किया गया है.

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बेंगलुरु भारत में आईटी का बड़ा केंद्र है और उसे महिलाओं के लिए सुरक्षित समझा जाता है. लेकिन आए दिन वहां से छेड़छाड़ की खबरें मिलती रही हैं. 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के बाद महिला सुरक्षा देश में एक बड़ा मुद्दा है. बावजूद इसके यौन अपराधों की खबरें लगातार सुर्खियां बनती हैं. भारत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2015 में भारत में 34 हजार से ज्यादा बलात्कार हुए. महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि असल संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है क्योंकि ऐसे बहुत से मामले पुलिस तक पहुंच ही नहीं पाते हैं.

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वरा ने कहा है कि सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगले दो महीनों के भीतर शहर में लगभग 550 सीसीटीवी कैमरे और लगाए जाएंगे. इसलिए अलावा पुलिसकर्मियों की तैनाती भी बढ़ाई जाएगी.

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हालांकि नए साल के जश्न के दौरान बड़े पैमाने पर महिलाओं से हुई छेड़छाड़ के मामले पर विवादित बयान देने के लिए परमेश्वरा को खूब आलोचना भी झेलनी पड़ी. उन्होंने कहा था, "ऐसी घटनाएं तो होती रहती हैं." वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने छेड़छाड़ के लिए उल्टे महिलाओं को ही दोष दिया था. उन्होंने कहा, "यह तो होना ही था. महिलाएं नंगेपन को फैशन कहती हैं. वे छोटे छोटे कपड़े पहने हुए थीं.”

एके/वीके (एएफपी, डीपीए)