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उन्हीं लोगों ने लड़की से दोबारा किया गैंग रेप!

विवेक कुमार१८ जुलाई २०१६

एक लड़की के साथ उन्हीं आरोपियों ने दोबारा बलात्कार किया जिन्होंने तीन साल पहले किया था. तीन साल से वह अदालत में लड़ रही थी. अब अस्पताल में लड़ रही है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/Xinhua

एक छात्रा के साथ दोबारा बलात्कार हुआ है. तीन साल में दूसरी बार. और उन्हीं लोगों ने किया, जिन्होंने पहले किया था. अब वह लड़की अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. एक पुलिस अफसर ने बताया कि लड़की के साथ गैंग रेप हुआ है. और आरोप उन पर भी हैं जिन पर तीन साल पहले आरोप लगे थे.

21 साल की यह छात्रा दलित समुदाय से है. उसे उसके कॉलेज के बाहर से अगवा कर लिया गया. उसे घसीटकर कार में डाल लिया गया और फिर उसके साथ बलात्कार हुआ. बुधवार की रात को वह हरियाणा और दिल्ली की सीमा पर हाईवे के पास बेहोश पड़ी मिली. पुलिस को इस मामले में पांच लोगों की तलाश है.

रेप के लिए कहां कितनी सजा

डीएसपी पुष्पा खत्री ने बताया कि लड़की ने पांचों आरोपियों की पहचान बता दी है. उनमें से दो लोग इसी लड़की से रेप के आरोपी हैं और जमानत पर बाहर हैं. 2013 से उन पर मुकदमा चल रहा है. खत्री ने कहा, "भिवानी जिले की इस लड़की के साथ 2013 में भी रेप हुआ था. अभी जिन पांच लोगों के नाम बताए गए हैं उनमें से दो पिछली बार भी आरोपी थे. आरोपियों को पकड़ने के लिए हमने कई टीमें बना दी हैं.

लड़की के परिवार का आरोप है कि आरोपी उन्हें पहले से धमकियां दे रहे थे. वे इस बात का दबाव बना रहे थे कि 2013 वाली अपनी शिकायत लड़की वापस ले ले. हिंदुस्तान टाइम्स अखबार के मुताबिक लड़की के भाई ने कहा, "आरोपी लगातार हमें धमका रहे थे कि कोर्ट के बाहर समझौता कर लें. वे हमें बहुत सारा पैसा देने की पेशकश भी कर चुके थे. लेकिन हम तैयार नहीं थे." लड़की के परिवार को अपना घर भी छोड़ना पड़ा और दूसरे शहर में चले जाना पड़ा था.

देश जागा, फिर सो गया

यह कोई पहला मामला नहीं है जब दलित लड़की के साथ बलात्कार हुआ है. 2013-14 में दलित लड़कियों के साथ रेप के एक के बाद एक कई मामले सामने आए थे. जिनके बाद कई विरोध प्रदर्शन भी हुए थे. करीब 90 दलित परिवार कई हफ्तों तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे रहे थे. यूं भी दलितों के खिलाफ यौन हिंसा बहुतायत में दर्ज ही नहीं हो पाती है. इसी साल जनवरी में सोनीपत जिले की एक दलित नाबालिग लड़की ने बलात्कार के बाद खुद को आग लगा ली थी.

दिसंबर 2012 में निर्भया रेप केस के बाद जब देशभर में आंदोलन खड़ा हुआ था उसके बाद के एक साल में 101 दलित लड़कियों के साथ हिंसा के मामले दर्ज हुए लेकिन ना कोई आंदोलन हुआ ना ही कोई ठोस कार्रवाई हो पाई. 2014 में रेप के कुल 36 हजार 735 मामले दर्ज हुए थे.

यहां महिलाएं सबसे असुरक्षित हैं

निर्भया कांड के बाद भारत में रेप विरोधी कानून में कई बदलाव किए गे हैं. अब रेप के लिए आमतौर पर सात साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. लेकिन विशेष परिस्थितियों में जैसे कि पुलिस हिरासत में रेप, रिश्तेदार या टीचर द्वारा रेप के मामले में 10 साल से उम्र कैद तक भी हो सकती है. अगर पीड़िता की मौत हो जाती है तो मौत की सजा भी हो सकती है.