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चीन के कहने पर हाफिज सईद को नजरबंद किया गया?

२ फ़रवरी २०१७

पाकिस्तान में जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को नजरबंद किए जाने के पीछे क्या चीन का हाथ है? कुछ पाकिस्तानी अधिकारी तो ऐसा ही मानते हैं.

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Muhammad Ahmed Ludhianvi links im Bild von der Ahlan Sunnat wal Jamaat
तस्वीर: Getty Images/AFD/A.Majeed

भारत हाफिज सईद को 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड मानता रहा है, जिनमें 166 लोग मारे गए थे. भारत की लंबे समय से मांग रही है कि पाकिस्तान उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. वहीं पाकिस्तान लगातार भारत से पुख्ता सबूतों की मांग करता रहा है. ऐसे में, पाकिस्तान पर चरमपंथियों के खिलाफ समान रूप से कड़ी कार्रवाई न करने का आरोप लगाने वालों के लिए हाफिज सईद हमेशा एक मुद्दा रहा है.

लेकिन सोमवार को हाफिज सईद को लाहौर में जमात उद दावा के मुख्यालय पर नजरबंद कर लिया गया. यह कदम ऐसे समय में सामने आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने आतंकवादी खतरे का हवाला देते हुए सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी. हालांकि इन देशों में पाकिस्तान का नाम शामिल नहीं है. लेकिन पाकिस्तान में अमेरिका की नई सरकार को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं. कुछ अधिकारी हाफिज सईद की गिरफ्तारी को इससे जोड़ कर देख रहे हैं.

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कुछ वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों का मानना है कि हाफिज सईद को नजरबंद किए जाने के पीछे चीन का दबाव भी हो सकता है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कुछ अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि चीन महीनों से गुपचुप तरीके से पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है कि वह हाफिज सईद और अन्य कट्टरपंथी इस्लामी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे.

इस बीच, हाफिज सईद ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें अपनी नजरबंदी के लिए उसने पाकिस्तान सरकार पर विदेशी, और खासकर भारत और अमेरिका के दबाव को जिम्मेदार बताया है. वीडियो में हाफिज सईद को यह कहते हुए दिखाया गया है, "इस वक्त ट्रंप नया नया अमेरिका का राष्ट्रपति बना है और मोदी से बड़ी गहरी दोस्ती निभाना चाहता है. उनके साझा हित हैं.”

हाफिज सईद ने वीडियो में कहीं चीन का नाम नहीं लिया है, लेकिन इससे पहले वह इस्लाम को लेकर चीन की नीति का विरोध कर चुका है. पिछले साल चीनी राष्ट्रपति ने जब अपने देश के लोगों से बढ़ते इस्लामी रुझान से सावधान रहने को कहा, तो हाफिज सईद ने इस्लामाबाद में चीनी दूतावास में जाकर विरोध दर्ज कराने की बात कही थी. सईद ने कहा था कि चीन ऐसी बात कर पाकिस्तान से अपनी गहरी दोस्ती को नुकसान पहुंचा रहा है.

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दरअसल चीन अपने पश्चिमी प्रांत शिनचियांग से बढ़ती धार्मिक चरमपंथ से परेशान है जो धीरे धीरे अन्य इलाकों में भी फैल रहा है. चीन के शिनचियांग प्रांत की सीमाएं पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लगती हैं. यह इलाका चीन में रहने वाले उइगुर मुसलमानों का है. हाल के समय में वहां हमले बढ़े हैं जिनमें सैकड़ों लोग मरे गए हैं. चीन की सरकार इसके लिए धार्मिक कट्टरपंथियों को जिम्मेदार मानती है. कट्टरपंथ को रोकने और स्थिरता बनाने के नाम पर सरकार ने धार्मिक गतिविधियों पर कई तरह की बंदिशें लगाई हैं.

एके/वीके (रॉयटर्स)