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'धोखा' हो सकती है उत्तर कोरिया की पेशकश

८ मार्च २०१८

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने चेतावनी दी है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ बातचीत के लिए उत्तर कोरिया की पेशकश एक धोखा हो सकती है. वहीं चीन ने अमेरिका और उत्तर कोरिया को "जल्द से जल्द" बातचीत करने को कहा है.

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Japans Premierminister Shinzo Abe
तस्वीर: AFP/Getty Images/K. Nogi

हाल में दक्षिण कोरिया का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल उत्तर कोरिया गया. इस दौरान दोनों देशों के बीच शिखर वार्ता आयोजित करने पर सहमति बनी. उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ बातचीत की पेशकश भी की. लेकिन जापानी प्रधानमंत्री को उत्तर कोरिया के बदले रुख पर संदेह है. उन्होंने जापानी सांसदों को बताया कि बातचीत को लेकर उत्तर कोरिया की पहलकदमी दरअसल एक छलावा हो सकती है जिसके जरिए वह ज्यादा से ज्यादा समय हासिल करना चाहता है. उन्होंने कहा, "मैंने बार बार कहा है कि उत्तर कोरिया पर ज्यादा से ज्यादा दबाव डालना होगा ताकि वह हमारे साथ बातचीत करे, लेकिन यह सही है कि उत्तर कोरिया अतीत में (बातचीत की प्रक्रिया के दौरान मिले) समय का फायदा उठाकर परमाणु हथियार और मिसाइल तैयार करता रहा है."

जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ बात करने के लिए बात करना निरर्थक है और उत्तर कोरिया के खिलाफ लगे प्रतिबंधों में सिर्फ इसलिए ढील नहीं दी जानी चाहिए कि वह बातचीत के लिए तैयार हो गया है. लेकिन चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच जल्द से जल्द बातचीत की पैरवी की है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी कह चुके हैं कि वह उत्तर कोरिया के साथ बातचीत को तैयार हैं.

वहीं प्रधानमंत्री शिंजो आबे का कहना है कि जापान का रुख नहीं बदला है और जब तक उत्तर कोरिया इस बात के "पुख्ता और अकाट्य सबूत" नहीं देता कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को खत्म कर रहा है, तब तक उसके साथ कोई बातचीत नहीं होगी.

जापान इस क्षेत्र में अमेरिका का अहम सहयोगी है और हाल के सयम में वह इस बात को लेकर चिंतित रहा है कि ट्रंप उसकी सुरक्षा की गारंटी से समझौता कर सकते हैं. आशंका इस बात की है कि उत्तर कोरिया को अमेरिका तक मार करने वाली और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल से जुड़े कार्यक्रम को त्यागने के लिए राजी किया जा सकता है, लेकिन ट्रंप टोक्यो तक मार करने वाली उत्तर कोरियाई मिसाइलों के मामले में अपना रवैया नरम कर सकते हैं.

उधर दक्षिण कोरिया के एक अखबार चोसुन इल्बो के मुताबिक उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह अपने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को रोकने के लिए तैयार है, लेकिन यह सब "अमेरिका के रवैये" पर निर्भर करेगा. इसी हफ्ते दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून ए इन के विशेष प्रतिनिधियों ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाकात की. चोसुन की खबर के मुताबिक उत्तर कोरिया ने अपने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को रोकने के लिए जो शर्तें रखी हैं उनमें अमेरिका के साथ रायनयिक संबंध कायम करना और दक्षिण कोरिया में रणनीतिक रूप से अहम अमेरिकी सैन्य साजोसामान की तैनाती को रोकना शामिल है.

एके/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)