1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नर भालुओं से बचने के लिए इंसानों की मदद ले रही हैं मादाएं

विवेक कुमार२४ जून २०१६

मादा भालू गर्भवती होते ही इन्सानी बस्तियों के पास आ जाती हैं ताकि अपने बच्चों की रक्षा कर सकें. यह अनोखा व्यवहार स्वीडन में एक रिसर्च के दौरान नजर आया.

https://p.dw.com/p/1JBzK
Schwarzer Bär bleibt in einem Milchbehälter stecken
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

स्वीडन के जंगलों में भालुओं में एक अनोखी आदत दिखाई दी है. मादा भालू अपने बच्चों को खूंखार भालुओं से बचाने के लिए इन्सानों की मदद ले रही हैं. वे बच्चों को लेकर ऐसे गांवों के पास रहती हैं जहां शिकारी रहते हैं.

मादा भालुओं का यह अनोखा व्यवहार एक रिसर्च के दौरान सामने आया. गर्भधारण के मौसम के दौरान ये युवा मादा भालु इन्सानी बस्तियों के नजदीक आ जाती हैं. यह ऐसा मौसम होता है जब नर भालू वासना से पगलाए घूमते हैं और हिंसक तक हो जाते हैं. शोधकर्ता कहते हैं कि ऐसा लगता है मानो मां होने की भावना इन मादाओं के अंदर यह समझ पैदा कर देती है.

आमतौर पर यह अवधारणा है कि भालू इन्सानी बस्तियों से दूर रहते हैं क्योंकि वे डरते हैं. नर भालू तो ऐसा करते ही हैं लेकिन लगता है कि मादा भालुओं ने इस बात को समझ लिया है और वे बस्तियों के पास आ जाती हैं ताकि नर उन्हें परेशान न करें.

पक्षी निभाते हैं वफा? जानें, इन तस्वीरों से

वासना के मारे भालू

जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी में छपे अध्ययन में बताया गया है कि भालुओं को इन्सानों के नजदीक रहना ज्यादा पसंद नहीं है. इस रिसर्च में सहयोगी नॉर्वे यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ साइंसेज के सैम स्टेयार्ट कहते हैं, "मेटिंग सीजन के बाद जब मादाएं मां बन जाती हैं तो उनका व्यवहार बदल जाता है. वे फिर से इन्सानों से दूर रहने लगती हैं."

भालुओं का व्यवहार अनोखा होता है. मादा भालू एक बार बच्चों को जन्म देने के बाद तभी दोबारा कामोत्तेजित होती हैं जब उनके बच्चे अपनी जिम्मेदारी उठाने लायक बड़े हो जाते हैं. ऐसे में वासना के मारे भालुओं को वे अपने करीब नहीं आने देतीं. कई बार वासना से पगलाए नर भालू उनके बच्चों को ही मार डालते हैं ताकि वे उनके साथ संबंध बना सकें. मादा भालुओं के लिए 18 से 30 महीने तक इंतजार करने के बजाय वे उनके करीब आने के लिए उनके छोटे बच्चों को मार देते हैं. बच्चों के मर जाने के बाद दोबारा गर्भधारण के लिए मादाएं संबंध बनाने को राजी हो जाती हैं. ऐसा व्यवहार पक्षियों, चमगादड़ों, बंदरों और बिल्ली प्रजाति के बड़े जानवरों में भी देखा गया है.

शेरों वाली बात, इन तस्वीरों से जानिए

नवजात भालुओं की हत्याएं

स्वीडन के जंगलों में एक तिहाई नवजात भालू नरों की इसी वासना की भेंट चढ़ जाते हैं. गर्भधारण का मौसम मई के मध्य से शुरू होकर जुलाई के मध्य तक चलता है. इस दौरान बड़ी संख्या में नवजात भालुओं की हत्याएं होती हैं. स्टेयार्ट और उनकी टीम ने जीपीएस की मदद से 2005 से 2012 के बीच 26 मादा भालुओं की गतिविधियों पर नजर रखी. इनमें से 10 अपने बच्चों को बचाने में नाकाम रहीं जबकि 16 ने वयस्क होने तक बच्चों का ख्याल रखा और फिर उन्हें आजाद कर दिया.

स्टेयार्ट ने बताया कि इस दौरान सफल मादा भालुओं की इन्सानी बस्तियों से औसत दूरी सिर्फ 780 मीटर रही जबकि विफल हुईं मादाओं की औसत दूरी 1210 मीटर थी. स्टडी के मुताबिक, "विफल महिलाओं ने इन्सानों से दूरी बनाए रखी और नर भालुओं से लड़ाई करने की कोशिशें कीं. सफल मांएं बस्तियों के पास बनी रहीं और अपने बच्चों को बचाने के लिए इन्सानों का इस्तेमाल ढाल की तरह करती रहीं."

वीके/आईबी (एएफपी)