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अफगानिस्तान में बच्चों की रिकॉर्ड मौतें

७ फ़रवरी २०१७

अफगानिस्तान में पिछला साल बच्चों के लिए बेहद घातक रहा. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि जब से उसने रिकॉर्ड रखना शुरू किया है, तब से सबसे ज्यादा बच्चे अफगानिस्तान में 2016 में मारे गए हैं.

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Bildergalerie Kinder und Krieg in Afghanistan
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Shirmohammadi

बच्चों की मौत के कारणों में आईएस के हमले, तालिबान और सरकारी बलों की झड़पें और अमेरिकी सेना के हवाई हमले शामिल रहे. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 2015 के मुकाबले 2016 में बच्चों की मौतों में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है.

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "संकट से संबधित हिंसा 2016 में बहुत से लोगों की मौत की वजह बनी. 2009 के बाद से पहली बार सुरक्षा हालात खराब होने की वजह से इतने ज्यादा लोग मारे गए हैं."

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में अफगानिस्तान में 3,498 लोग मारे गए हैं जिनमें 923 बच्चे भी शामिल हैं. एक साल के दौरान घायलों की संख्या 7,920 रही. कुल मिलाकर 2016 में मरने वाले लोगों की तादाद 2015 के मुकाबले थोड़ी सी ज्यादा रही.

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अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के दूत तादामिची यामामोतो ने कहा, "इस रिपोर्ट को लेकर में बहुत दुखी हूं. फिर एक और साल और फिर आम लोगों की मौतों में इजाफा. फिर से अब तक के सबसे ऊंचे आंकड़े."

बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था 'सेव द चिल्ड्रन' ने कहा है कि अफगानिस्तान में बच्चों की इतनी ज्यादा मौतें चिंता का कारण हैं. संस्था ने सभी पक्षों से आम लोगों की मौतों को कम करने की अपील की है.

पिछले 15 साल से अमेरिका समर्थित अफगान सरकार के खिलाफ लड़ रहे तालिबान ने 2016 में कई इलाकों पर फिर से कब्जा कर लिया. 2014 में अमेरिका और नाटो ने अफगानिस्तान में जब से अपना युद्धक अभियान खत्म किया है, तब से अफगान बल ही तालिबान चरमपंथियों से लोहा ले रहे हैं.

'सेव द चिल्ड्रन' की अफगानिस्तान निदेशक अना लोकसिन ने एक बयान में कहा, ""बीते 12 महीनों के दौरान अफगानिस्तान में सुरक्षा के हालात काफी बिगड़े हैं. आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है क्योंकि सर्दियां खत्म होने के बाद फिर से लड़ाई छिड़ जाएगी."

एके/वीके (एपी)

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