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मोदी की कैबिनेट में कौन क्यों हुआ शामिल?

विवेक कुमार५ जुलाई २०१६

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में 19 नए मंत्रियों को शामिल किया है. तीन मंत्री यूपी से हैं. दो गैरबीजेपी सांसदों को भी जगह मिली है.

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Indien Neu Delhi Narendra Modi , Ministerpräsident
तस्वीर: picture-alliance/Xinhua

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना कैबिनेट और बड़ा कर लिया है. अब उनके पास 78 मंत्री हैं. पहले 64 थे. मंगलवार को 19 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. इनमें कुछ प्रमोशन भी हैं जैसे कि प्रकाश जावड़ेकर जो अब तक राज्य मंत्री थे उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया गया है.

जिस तरह से मंत्री परिषद का विस्तार किया गया है उससे दिखता है कि बीजेपी की नजर यूपी चुनाव पर है. यूपी से तीन मंत्री बनाए गए हैं. इनमें अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी हैं. पटेल के अलावा रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास आठवले ही हैं जो बीजेपी के नहीं हैं. सरकार बनने के बाद जब पहला कैबिनेट गठन हुआ था तो आठवले को जगह नहीं मिली थी. इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी. शिव सेना के किसी नए व्यक्ति को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया गया है. बीजेपी के साथ उसके रिश्ते पिछले कुछ समय से अच्छे नहीं चल रहे हैं. जब कैबिनेट में बदलाव की बात आई थी तब शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हम किसी के दरवाजे पर मांगने नहीं जाएंगे. बीजेपी उनके दरवाजे पर आकर कुछ देकर भी नहीं गई. और बदले में उनकी पार्टी का कोई नेता शपथ ग्रहण समारोह तक में शामिल नहीं हुआ.

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यह मोदी सरकार का दूसरा मंत्रीमंडल विस्तार है. इस बार जिन लोगों को मंत्री बनाया गया है उनमें पांच एससी, दो एसटी, दो अल्पसंख्यक और दो महिलाएं हैं. यूपी, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, कर्नाटक और असम से सांसदों को मंत्री बनाया गया है. इनमें से कुछ पहली बार मंत्री बने हैं तो कुछ पहले राज्य सरकारों में मंत्रीपद संभाल चुके हैं. कर्नाटक के पूर्व गृह मंत्री रमेश चंदप्पा, गुजरात में मंत्री रहे पुरुषोत्तम रूपाला और जसवंत सिंह भाभोर और यूपी के पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय राज्यों के अपने अनुभवों के साथ आए हैं.

अलमोड़ा से सांसद अजय टमटा और शाहजहांपुर के सांसद कृष्णराज के रूप में एससी कैटिगरी को प्रतिनिधित्व दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील पीपी चौधरी, जानेमाने डॉक्टर राम राव भामरे और लेखक-पत्रकार एमजे अकबर भी मंत्री बनाए गए हैं. राजस्थान में अफसर रहे अर्जुन मेघवाल और पर्यावरणविद अनिल माधव दवे को भी जगह मिली है. कैबिनेट में पहले काम कर चुके दो नाम भी इस बार शामिल किए गए हैं. ये हैं फग्गन कुलस्ते और विजय गोयल. कुलस्ते का नाम कैश फॉर वोट स्कैम में उछला था. हालांकि उन पर मुकदमा नहीं चला था.

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वरिष्ठ बीजेपी नेता एसएस आहलुवालिया और राजन गोहाईं को भी मंत्रीमंडल में जगह मिली है.

शपथ ग्रहण के बाद मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मंत्रीमंडल के विस्तार का मकसद बजट में तय की गई प्राथमिकताओं को पूरा करना है.

विवेक कुमार