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क्या हथियारों की तैनाती से उत्तर कोरिया को डराया जा सकता है?

१४ अप्रैल २०१७

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया पर लगातार दबाव बढ़ा रहे हैं और यहां तक कह रहे हैं कि चीन के बिना भी वह इस समस्या को सुलझा सकते हैं. रूस राजनयिक समाधान की मांग कर रहा है.

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Nordkorea Machthaber Kim Jong Un
तस्वीर: Getty Images/AFP

ट्रंप उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार बनाने से रोकना चाहते हैं, जबकि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए ऐसे हथियारों को जरूरी समझते हैं. हालात लगातार जटिल होते जा रहे हैं. किम जहां जल्द ही एक और परमाणु परीक्षण कर सकते हैं, वहीं अमेरिका को इस बात की चिंता है कि किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई ऐसे गंभीर हालात पैदा कर सकती है जिनका अभी अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.

फिर भी, अमेरिका उत्तर कोरिया को सख्त चेतावनियां दे रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि सैन्य विकल्प भी संभावित कदमों में शामिल हो सकता है. हाल में सीरियाई सेना के हवाई ठिकानों पर अमेरिकी हमले और अफगानिस्तान में सबसे बड़ा गैर परमाणु बम गिराने के बाद अमेरिकी चेतावनियों का वजन और बढ़ गया है.

फिलहाल अमेरिका के 28,500 सैनिक दक्षिण कोरिया में तैनात हैं. इसके अलावा एफ-16 लड़ाकू विमान और ए-10 ग्राउंड अटैक जेट्स भी हैं. दक्षिण कोरिया अमेरिका का नजदीकी दोस्त है और दोनों देशों की सेनाएं हर साल साझा सैन्य अभ्यास करती हैं. इसके अलावा अमेरिका के 50 हजार सैनिक जापान में भी तैनात हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने वहां युद्धपोत भेजने की घोषणा भी की है. उन्होंने कहा, "हम एक आर्माडा भेज रहे हैं, बहुत ताकतवर है. हमारे पास पनडुब्बियां हैं. बहुत ताकतवर हैं. विमान वाहक पोत से भी कहीं ज्यादा ताकतवर है."

अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने मिल कर एक आधुनिक क्षेत्रीय मिसाइल रक्षा प्रणाली स्थापित की है, जो उत्तर कोरिया के किसी भी रॉकेट से निटपने में सक्षम होनी चाहिए. इसके अलावा अमेरिका ने मार्च के महीने में दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) प्रणाली को तैनात करने का काम भी शुरू कर दिया, जो छोटी, मध्यम और माध्यमिक रेंज की मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता रखता है. इसके अलावा अमेरिका और उसके सहयोगी जापान और दक्षिण कोरिया के पास कई और मिसाइल रक्षा प्रणालियां हैं.

चीन अमेरिका की तरफ से होने वाली इन तैनातियों से नाराज है. उसका कहना है कि इससे कोरियाई प्रायद्वीप में अस्थिरता और बढ़ेगी. एक थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन के विशेषज्ञों का अनुमान है कि उत्तर कोरिया के पास 10 से 16 परमाणु हथियार हो सकते है और कुछ बरसों में इनकी संख्या बढ़ कर 100 तक हो सकती है.

जानकार मानते हैं कि कोई भी रक्षा प्रणाली पूरी तरह सुरक्षा करने में सक्षम नहीं है. उत्तर कोरिया विशेषज्ञ माइकल एलमन और माइकल जाकुरेक ने अपने ब्लॉग में लिखा कि "उत्तर कोरिया की तरफ से मिसाइल हमले की स्थिति में थाड और पैट्रियॉट प्रणालियां नुकसान को कम से कम करने की दक्षिण कोरिया की क्षमता को बढ़ाएंगी. लेकिन यह बात भी सही है कि इनसे उत्तर कोरिया के हमले को पूरी तरह रोक पाना संभव नहीं होगा. इसका मतलब है कि परमाणु हथियारों से लैस कोई भी मिसाइल दक्षिण कोरिया में बड़ा नुकसान कर सकती है."

एके/एमजे (एएफपी)