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महिला कार्टून किरदार वैसे वाले क्यों होते हैं?

२३ जनवरी २०१७

महिला कार्टून किरदार एक जैसे क्यों होते हैं? वहां भी पूर्वाग्रह क्यों नजर आते हैं? महिला एनिमेटर्स ऐसे सवाल पूछ रही हैं. एनिमेशन की लोकप्रियता के साथ बदलाव की भी सुगबुगाहट है.

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Russland Moskau Figurationen für Masha and the Bear
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Tass/A. Mudrats

कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ आर्ट्स कैलआर्ट जब शुरू हुआ था, तो वॉल्ट डिज्नी का मकसद था अच्छे एनिमेटर्स तैयार करना. 47 में इंस्टिट्यूट ने अपने इस मकसद को हासिल तो किया लेकिन एक कमी रह गई. ज्यादातर पुरुष एनिमेटर्स ही तैयार हुए. पर अब तस्वीर बदलने वाली है. इस वक्त इंस्टिट्यूट के 250 छात्रों में से तीन चौथाई लड़कियां हैं और ये सब एक मकसद से पढ़ाई कर रही हैं. इनका मकसद है महिला किरदारों में बदलाव. दरअसल, अब तक जो महिला किरदार एनिमेशन में दिखते रहे हैं उनमें पूर्वाग्रह नजर आते रहे हैं. वे या तो सनकी होंगी, या भड़काऊ या फिर लड़कों जैसी दिखने वालीं जिन्हें टॉमबॉय भी कहते हैं. इंस्टिट्यूट की टीचर एरिका लारसन-डॉकरे कहती हैं, "पुरुष खलनायक तो किसी भी आकार के हो सकते हैं. लेकिन महिला खलनायक ढलती उम्र की दिखती हैं. वे प्रौढ़, अकेली और नाराज होती हैं. या फिर आपको एक मासूम सी राजकुमारी दिखेगी जिसकी कमर इतनी पतली होगी कि जिंदा होती तो उसका चलना भी मुश्किल होता."

कैलआर्ट कार्टून किरदारों में ज्यादा असलियत दिखाने पर काम कर रहा है. दो साल से यहां एक सम्मेलन होता है जिनमें कार्टून किरदारों में लैंगिक पक्षपात पर बात होती है. इस साल इस सम्मेलन का विषय था, साइडकिक्स, नर्ड गर्ल्स, टॉमबॉयज एंड मोर.

सम्मेलन में ऐसे सवाल उठाए गए जो अब तक एनिमेशन की दुनिया से नदारद रहे हैं. मसलन ज्यादातर किरदार सनकी ही क्यों दिखती हैं, नायिकाएं अतिसुंदर कैसे होती हैं या इतने कम समलैंगिक या ट्रांसजेंडर किरदार क्यों हैं. फिल्म वीडियो स्टूडेंट मैडिसन स्टब्स पूछती हैं, "ये सनकी किरदारों की क्या कहानी है? हमेशा चश्मा लगा होगा. हमेशा शर्मीली होंगी. अजीब होंगी."

वुमन इन एनिमेशन ग्रुप की प्रेजिडेंट मार्गे डीन कहती हैं कि ऐसा इसलिए है क्योंकि लेखन और निर्देशन का काम आज भी ज्यादातर पुरुषों के हाथ में है. वह कहती हैं, "अब बहुत बहुत लड़कियां एनिमेशन स्कूलों में जा रही हैं. कैलआर्ट में तो 70 फीसदी से ज्यादा लड़कियां हैं. लेकिन क्रिएटिव भूमिकाएं में लड़कियां कितनी हैं? सिर्फ 22 प्रतिशत."

डीन को लगता है कि यदि एनिमेशन की लोकप्रियता इसी तरह बढ़ती रही तो माहौल जरूर बदलेगा. पिछले साल की 10 सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली फिल्मों में तीन, फाइंडिंग डोरी, जूटोपिया और द सीक्रेट लाइफ ऑफ पेट्स एनिमेटेड फिल्में थीं. हालांकि तीनों ही पुरुष निर्देशकों की फिल्में थीं.

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वीके/ओएसजे (एपी)