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सीमा पर घातक भारतीय मिसाइल से बौखलाया चीनी मीडिया

विवेक कुमार२४ अगस्त २०१६

भारत ने अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात की है, जिस पर चीनी मीडिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीनी अखबार ने इस तैनाती को अपने लिए खतरा बताया है.

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तस्वीर: dapd

भारत ने अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात कर दी है. चीन को यह बात अच्छी नहीं लगी है और उसने विरोध जताया है. उसके विरोध पर, एनडीटीवी के सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने कहा है कि हम अपने घर में क्या करते हैं इससे किसी और को कोई लेना-देना नहीं है.

इस घटना से भारत और चीन संबंधों में अंदरखाने बढ़ते तनाव को महसूस किया जा सकता है. एक दिन पहले ही चीन के सरकारी अखबार ने लिखा था कि भारत का सीमा पर ब्रह्मोस तैनात करना आत्मरक्षा से ज्यादा का मामला है. अखबार ने लिखा था, "सीमा पर सुपरसोनिक मिसाइल तैनात करके भारत अपनी आत्मरक्षा की जरूरतों से आगे बढ़ रहा है, जिससे चीन के तिब्बत और यूनान प्रांतों को खतरा पैदा हो गया है."

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टीवी चैनल एनडीटीवी की वेबसाइट ने सेना में अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है, "अपने लिए खतरों को हम अपने हिसाब से आंकते हैं. उन खतरों से निपटने के लिए हम क्या करते हैं, अपने हथियार कहां तैनात करते हैं, इससे किसी और को कोई मतलब नहीं होना चाहिए."

ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक मिसाइल है जो जमीन, समुद्री जहाज, विमान या पनडुब्बी कहीं से भी दागी जा सकती है. यह 300 किलोग्राम तक बारूद ले जाने की क्षमता रखती है और समुद्र और जमीन दोनों जगह मार कर सकती है. भारतीय सेना के जखीरे में ब्रह्मोस 2007 से शामिल हुई है. सेना अब इस बात पर परीक्षण कर रही है कि इसे सुखोई-30 लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है या नहीं.

दो साल पहले बीजेपी की सरकार बनने के बाद से चीन से लगती सीमा पर भारत की गतिविधियां बढ़ी हैं. सैन्य आलोचक पिछली सरकारों पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि चीन से लगती सीमा पर जरूरी ढांचागत निर्माण नहीं किया जा रहा है जबकि चीन ऐसा लगातार कर रहा है. नई सरकार के आने के बाद इस नीति में परिवर्तन देखा जा सकता है.

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हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि भारत ने लद्दाख में सीमा पर तैनाती बढ़ा दी है जो अब तक की सबसे ज्यादा है. इन खबरों के मुताबिक सीमा पर 100 से ज्यादा टैंक पहुंच गए हैं और जवानों की तैनाती तेजी से बढ़ रही है. उत्तर में काराकोरम दर्रे से लेकर 826 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना के बढ़ते जमावड़े पर चीनी मीडिया में विरोध की आवाजें सुनाई देती रही हैं और कई बार तो इन आवाजों में धमकी की धमक सुनी जा सकती है.

लद्दाख और उसके अगल-बगल के इलाकों में भारत और चीन की सीमा पर छिटपुट विवाद चलते रहते हैं. दोनों देश एक दूसरे के इलाकों पर दावे करते हैं और कोई तय सीमा नहीं है. जिसे फिलहाल सीमा कहा जाता है, वह सिर्फ नियंत्रण रेखा है. हालांकि हाल के सालों में दोनों के बीच किसी तरह का हिंसक विवाद नहीं हुआ है लेकिन ऐसा कई बार हो चुका है कि चीन के सैनिक भारतीय इलाके में घुस आए और वहां अपने कैंप तक बना लिए. भारत अब तक इस तरह की घटनाओं पर मौखिक आपत्ति ही जताता रहा है लेकिन पहली बार है कि भारत ने सैन्य आक्रामकता दिखाई है. चीन अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर भी अपना दावा जताता है. भारत इस हिस्से में लगातार निर्माण कर रहा है और चीन उसका विरोध करता रहा है. और अब ब्रह्मोस की तैनाती के बाद चीन की तीखी प्रतिक्रिया एक सिलसिला ही मानी जा सकती है, जो नई सरकार आने के बाद से शुरू हुआ है.

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