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पाकिस्तान में विवादित टीवी एंकर पर बैन

२७ जनवरी २०१७

पाकिस्तान में एक विवादित टीवी एंकर आमिर लियाकत हुसैन को बैन कर दिया गया है. उन्होंने अपने शो में हाल में लापता हुए पाकिस्तानी ब्लॉगरों को ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा देने की बात कही थी.

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Pakistan Demonstration gegen Verschwinden von Menschenrechtsaktivisten in Karatschi
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/F. Khan

आमिर लियाकत हुसैन पाकिस्तानी टीवी चैनल बोल पर एक शो की मेजबानी करते हैं जिसका नाम है, 'ऐसा नहीं चलेगा'. लेकिन पाकिस्तान में इलेक्ट्रोनिक मीडिया की नियामक संस्था पैमरा ने कहा है कि अब वह न तो अपना शो कर पाएंगे और न ही किसी अन्य टीवी चैनल पर दिख पाएंगे.

पिछले दिनों आमिर लियाकत हुसैन भारत में भी सुर्खियों में रहे जब उन्होंने अभिनेता ओम पुरी की मौत के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बता दिया. अंतरराष्ट्रीय ख्ताति वाले अभिनेता ओम पुरी हाल में मुंबई में अपने घर में मृत मिले.

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अब हुसैन ब्लॉगरों के बारे में कहे गए अपने विवादित बोलों को लेकर चर्चा में है. आमिर लियाकत खुद भी एक बार ईशनिंदा के आरोप झेल चुके हैं. लेकिन अपने टीवी शो में उन्होंने लापता हुए ब्लॉगरों के बारे में कहा कि उन्हें तो मारा ही जाना चाहिए क्योंकि इंटरनेट पर उनकी तरफ से डाली जाने वाली ज्यादातर पोस्ट इस्लाम विरोधी थी.

पाकिस्तान में ईशनिंदा बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है, जहां देश की 18 करोड़ की आबादी में 97 प्रतिशत लोग मुसलमान हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ता लंबे समय से ईशनिंदा कानून में बदलाव की वकालत कर रहे हैं. यह कानून 1980 के दशक में सैन्य तानाशाह जिया उल हक के शासन में लागू हुआ था. लेकिन आलोचकों का कहना है कि निजी रंजिश निकालने के लिए अक्सर इस कानून का दुरुपयोग होता है.

ब्लॉगरों के रिश्तेदारों और समर्थकों का कहना है कि लापता हुए लोग इस्लाम के खिलाफ नहीं है और उनकी जो सोशल मीडिया पोस्ट आमिर लियाकत हुसैन के शो में दिखाई गईं, वे सब फर्जी हैं. हालांकि ये लोग सियासत में सेना की भूमिका के आलोचक रहे हैं.

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यह अभी तक साफ नहीं है कि इन लोगों को किसने अगवा किया है. कुछ लोग इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसके पीछे चरमपंथी संगठनों का हाथ बताते हैं. सरकार ने इसमें सेना की किसी भी भूमिका से इनकार किया है. साथ ही किसी चरमपंथी संगठन की तरफ से भी इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है. अधिकारियों ने संभावित अपहरण की इन घटनाओं के जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन अभी तक लापता लोगों में से किसी के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है.

पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के आलोचकों के लिए बहुत खतरा है. कई बार उन पर सार्वजनिक तौर पर हमले हुए हैं. उन्हें गोली मार दी जाती है या फिर जिंदा जला दिया जाता है. 2011 में पाकिस्तान के तत्कालीन गवर्नर सलमान तासीर की उनके अंगरक्षक ने ही गोली मार कर हत्या कर दी थी. तासीर ईशनिंदा कानून में सुधार की वकालत करते थे.

एके/ओएसजे (डीपीए)