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अमेरिका से पाक का एफ-16 सौदा अब खत्म

विवेक कुमार१४ जून २०१६

पाकिस्तान एफ-16 विमान अमेरिका के बजाय जॉर्डन से लेगा. अमेरिका वाला अध्याय उसने बंद कर दिया है. अब वह जॉर्डन से वही लड़ाकू विमान खरीदेगा.

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Afghanistan US-Kampfjet F16 in Baghram
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Schoonakker

पाकिस्तान अब जॉर्डन से एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदेगा. पाकिस्तानी विदेश सचिव एजाज चौधरी ने यह जानकारी दी है. पाकिस्तान का कहना है कि अमेरिका इस फैसले से संतुष्ट है.

रक्षा और विदेश नीति पर बनी सीनेट की स्टैंडिंग कमेटी को दी जानकारी में चौधरी ने कहा, "पाकिस्तान के इस फैसले से अमेरिका संतुष्ट लग रहा है." हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस सौदे के ना हो पाने से और कुछ समय पहले पाकिस्तानी जमीन पर हुए अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आया है. अमेरिका ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने का समझौता किया था. भारत ने इस समझौते पर आपत्ति जताई थी.

एजाज चौधरी ने सीनेट से कहा, "अमेरिका से एफ-16 विमान लेने का अध्याय अब बंद हो चुका है. पाकिस्तान अब वे एफ-16 खरीदेगा जो जॉर्डन के पास हैं." उन्होंने अमेरिका से संबंधों में आए तनाव पर भी बात की. इसकी वजह उन्होंने चीन के साथ पाकिस्तान के संबंधों में नजदीकियों को बताया. हालांकि ड्रोन हमला भी एक बड़ा मुद्दा बन रहा है. पिछले महीने एक ड्रोन हमले में अमेरिका ने तालिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर को मारा डाला था. पाकिस्तानी सेना को यह हमला नागवार गुजरा था. सेना प्रमुख ने इस पर तीखा बयान दिया था कि इस तरह के हमले दोनों देशों के संबंधों को खराब कर सकते हैं.

चौधरी के सीनेट को दिए गए बयान में भी यही ध्वनि सुनाई दी. उन्होंने कहा, "कुछ मुद्दों पर पाकिस्तान अमेरिका से सहयोग नहीं कर सकता. हमारी संप्रभुता ऐसा ही एक मुद्दा है." हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव कोई नई बात नहीं है.

अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की नीति की आलोचना करते हुए चौधरी ने कहा कि युद्ध के बजाय शांति को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, "अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में 16 साल लगाए हैं. अगर शांति बहाली के लिए सिर्फ 6 साल भी लगाए होते तो हालात अलग होते."

अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में ताजा तनाव की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तान को विमान बेचने पर अमेरिकी कांग्रेस ने आपत्ति जता दी थी. अमेरिका फॉरन मिलिट्री फाइनैंसिंग प्रोग्राम के तहत यह सौदा कर रहा था लेकिन कांग्रेस ने इस पर पाबंदियां लगा दीं जिनकी वजह से पाकिस्तान ये विमान नहीं खरीद पाया.

यहां देखिए, कौन सबसे ज्यादा हथियार बेचता है.

जब बलूचिस्तान में ड्रोन हमला हुआ तो संबंधों में तनाव बढ़ गया. पाकिस्तान ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताया. अमेरिका ने सालभर पहले ही ड्रोन हमले बंद कर दिये थे क्योंकि पाकिस्तान को इन पर सख्त आपत्ति थी. ऐसे में मुल्ला अख्तर मंसूर पर हमले के लिए किया गया ड्रोन हमला पाकिस्तान को न सिर्फ हैरान कर गया बल्कि सैन्य प्रतिष्ठान ने सख्त नाराजगी जाहिर की.

वीके/एमजे (पीटीआई)

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