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नीदरलैंड्स में बुर्के पर बैन लगाने का कानून मंजूर

३० नवम्बर २०१६

नीदरलैंड्स की संसद ने एक नया कानून बनाया है जिसके मुताबिक सरकारी इमारतों और सार्वजिक परिवहन में बुर्का पहनने की अनुमति नहीं होगी. हेग में संसद के निचले सदन में ज्यादातर सांसदों ने इस कानून के हक में वोट दिया.

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Vollverschleierte Frauen
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Roessler

इस तरह, नीदरलैंड्स यूरोप का चौथा देश बन गया है जहां बुर्के पर बैन लगाया गया है. इससे पहले फ्रांस, बेल्जियम और बुल्गारिया में इस पर रोक लगाई जा चुकी है. नीदरलैंड्स के नए प्रस्तावित कानून के मुताबिक जिन जगहों पर बुर्का पहन कर जाने की अनुमति नहीं होगी उनमें अस्पताल, स्कूल, सरकारी इमारतें और सार्वजनिक परिवहन शामिल हैं. हालांकि सड़क चलते हुए या फिर सरकारी पार्कों में बुर्का पहनने की अनुमति होगी.

डच गृह मंत्री रोनाल्ड प्लासतेर्क ने संसद में कहा कि बुर्के या फिर नकाब से सरकारी इमारतों में बात करने में बाधा पैदा होती है जबकि वहां लोगों का "एक दूसरे को देखना बहुत जरूरी है". अगर कोई इस कानून को तोड़ेगा तो उस पर 400 यूरो तक का जुर्माना होगा.

देखिए कहां कहां है बुर्के पर बैन

इस प्रस्तावित कानून के खिलाफ पिछले हफ्ते कई मुसलमान महिलाओं ने डच संसद में जाकर विरोध किया. उन्होंने इसे धार्मिक आजादी पर रोकटोक बताया है. नकाब पहनने वाली एक महिला करीमा रहमानी कहती हैं, "अपनी मर्जी से रहने का मेरा अधिकार इससे प्रभावित होता है." कुछ स्कूल, यूनिवर्सिटी और डॉक्टर भी इस बैन का विरोध कर रहे हैं.

दक्षिणपंथी राजनेता गीअर्ट विल्डर्स ने 11 साल पहले नीदरलैंड्स में पहली बार बुर्के पर बैन लगाने की बात कही थी. हालांकि इसे संसद ने शुरुआती तौर पर पारित कर दिया था, लेकिन सरकार के कई संकटों में घिरे रहने के कारण इसे कानून में तब्दील नहीं किया जा सका था.

चार साल पहले देश की महागठबंधन सरकार ने फिर बुर्के पर बैन का प्रस्ताव रखा. निचले सदन में पारित मौजूदा बिल पर संसद के ऊपरी सदन की मंजूरी मिलनी भी जरूरी है. तभी इसे पूरी तरह कानून का रूप दिया जा सकेगा. सरकारी अनुमान के मुताबिक नीदरलैंड्स की 1.7 करोड़ की आबादी में लगभग 100 महिलाएं बुर्का पहनती हैं.

एके वीके (डीपीए, एएफी)

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