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जयललिता जिस तरह गई हैं, शायद ही कोई गया हो

६ दिसम्बर २०१६

पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं, जयललिता का सोमवार रात निधन हो गया. उनके मरने पर पूरे राज्य में मातम है.

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Jayaram Jayalalithaa
तस्वीर: AP

जयललिता को जब कोर्ट ने दोषी पाया और उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी, तो उन्होंने पनीरसेल्वम को अपनी जगह मुख्यमंत्री बनाया था. तब समझा गया था कि जयललिता कुर्सी पर भले नहीं हैं लेकिन राज वही करेंगी. अब उनके गुजर जाने के बाद भी पनीरसेल्वम ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. यानी, निकट भविष्य में तो जयललिता ही राज करती रहेंगी, तमिलनाडु की कुर्सी पर भी और उन लाखों लोगों के दिलों पर भी जो उनके निधन की खबर पर छाती पीट पीट कर रो रहे हैं.

तमिलनाडु की सड़कों पर जैसा नजारा है, वैसा हाल के समय में शायद ही किसी और नेता के मरने पर दिखा हो. लाखों लोग इस तरह मातम मना रहे हैं जैसे उनके घर का कोई मर गया हो. यह बताता है कि जयललिता कितनी बड़ी नेता थीं. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप थे. कुछ में तो उनको सजा भी हुई. लेकिन लोगों की उनके प्रति श्रद्धा में जरा भी कमी नहीं आई है. सोमवार को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में उनके निधन की खबर से पहले ही हजारों लोग अस्पताल के सामने जमा हो चुके थे. सोमवार देर रात जयललिता के निधन की घोषणा हुई.

देखिए, कितने विवाद थे जयललिता के साथ

जयललिता जयराम पांच बार राज्य की मुख्यमंत्री रहीं. वह पिछले कुछ समय से बीमार थीं. रविवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

जयललिता के शव को तिरंगे में लपेट कर चेन्नई के मेमॉरियल हॉल में रखा गया है जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकते हैं. मंगलवार को ही उनका दाह संस्कार किया जाएगा. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा देश की कई बड़ी हस्तियां पहुंच रही हैं.

अम्मा के संबोधन से जानी जाने वालीं जयललिता के बारे में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, "जिस तरह की भक्ति जयललिता ने जगाई है, शायद ही किसी और नेता ने ऐसा किया हो." अपोलो के बाहर एक हफ्ते से रह रहीं पासराई जीवा नाम की महिला रोते हुए कहती हैं कि वह हमारी एकमात्र नेता थीं, वह हमारी भगवान थीं.

राज्य में सात दिन के शोक का ऐलान किया गया है. स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. और चौराहों पर पुलिस तैनात है ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो.

वीके/ओएसजे (एपी, एएफपी, पीटीआई)