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विज्ञान को कुछ 'बेहद नया' मिलने की संभावना

७ जुलाई २०१६

जेनेवा में हिग्स बोसोन पर हुए प्रयोग के जरिए मिली ढेर सारी सूचनाओं के निष्कर्ष को वैज्ञानिक सामने लाने की तैयारी कर रहे हैं. प्रयोग के 4 साल बाद उन्होंने हिग्स बोसोन के अस्तित्व की पूरी तरह पुष्टि की है.

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Wissenschaftler Dr. Lashkar Kashif Bangladesh
तस्वीर: Lashkar Kashif

वैज्ञानिक यूरोप के फिजिक्स रिसर्च सेंटर सर्न में तीन साल पहले हुए सीएमएस प्रयोग में लार्ज हैड्रोन कोलाइडर (एलएचसी) के जरिए मिली सूचनाओं के सबसे बड़े अंबार पर से पर्दा उठाने की तैयारी कर रहे हैं. सर्न के सीएमएस प्रयोग के प्रमुख तिजिआनो कैम्पोरेसी का कहना है, ''भौतिकविज्ञान को नई ऊंचाइयां देने वाले कुछ अहम मौके रहे हैं, उन्हीं में से एक से अभी हम गुजर रहे हैं. यह ऐसा क्षण है जब कुछ बेहद नया मिलने की संभावनाएं ​बहुत अधिक हैं.''

2013 में हिग्स बोसोन की खोज के लिए भौतिक विज्ञान के ​क्षेत्र में नोबल पुरस्कार दिया गया था. हिग्स बोसोन की खोज पहली बार उस बुनियादी सवाल का जवाब दे पाई थी कि कैसे शुरूआती पदार्थ ने अपना द्रव्यमान हासिल किया. लेकिन यह इस पहेली को नहीं सुलझा पाया था कि भौतिक विज्ञान के मानक मॉडल में से क्या चीज छूटी रह गई है. वैज्ञानिक इसके जवाब के लिए डार्क मैटर की तलाश में हैं.

अनसुलझे सवाल

मानक मॉडल ऐसे समीकरणों का सटीक समुच्चय है जो प्र​कृति के बारे में अब तक मालूम सभी बातों का सारांश है. लेकिन जेनेवा स्थित सर्न में रॉयटर्स समाचार ऐजेंसी से बात करते हुए कैंपोरेसी कहते हैं कि कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो इसके लिए भी अनसुलझे हैं, "एक पहेली यह है कि ऐसा क्यों लगता है कि गुरुत्वाकर्षण स्टेंडर्ड मॉडल में नहीं समाता. और एक दूसरा प्रश्न यह भी है कि क्यों इस ब्रह्मांड में उन चार प्रतिशत से कई अधिक पदार्थ हैं जिन्हें हम देख सकते हैं."

एलएचसी ने इससे बेहतर और कठिन काम नहीं किया है. इस प्रयोग में जमीन के 27 किलोमीटर भीतर एक भूमिगत रिंग में अरबों प्रोटोनों को 13 टेरा इलैक्ट्रॉन वोल्ट की उर्जा के बीच टकराकर तोड़ा गया. प्रोटोन किरणों की तीव्रता एक रिकॉर्ड स्तर तक कई टुकडों में टूटी और इससे अब तक का सबसे अधिक डाटा उपलब्ध हो पाया.

सर्न के वैज्ञानिकों ने बड़ी मात्रा में इकट्ठा हुए इस डाटा की गणना इंवर्स फेम्टोबार्नस में की है. अगले महीने शिकागो में हाई एनर्जी फिजिक्स पर होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस बड़े रहस्य से उस समय पर्दा उठाया जाएगा जब सीएमएस और सर्न के नजदीकी एटलस प्रयोग बताएंगे कि उन्हें इससे क्या हासिल हुआ है.

डार्क मैटर और हिग्स बोसोन

पिछले साल दिसंबर में इसके निष्कर्षों के बारे में पहली बार तब संकेत मिले थे जब सीएमएस और एटलस दोनों ने 750 गीगा इलैक्ट्रॉन वोल्ट के डाटा की ''टक्कर'' के बारे में बताया. इसके बाद से महज दो हफ्तों के भीतर ही निष्कर्ष की संभावनाओं पर 89 पेपर प्रकाशित हुए. और अब तो ऐसे 450 पेपर सामने आ चुके हैं.

लेकिन कैंपोरेसी इससे एहतियात की अपील करते हैं और कहते हैं, ''प्र​कृति दयालु भी हो सकती है और जटिल भी. अगर यह दयालु रही तो खोज जल्द सामने आ जाएंगी और अगर जटिल रही तो परिणामों के लिए तय किए गए एलएचसी के सभी 3000 इंवर्स फेम्टोबार्नस पैदा करने होंगे. और मुझे डर है कि डार्क मैटर हिग्स बोसोन से भी बहुत दुर्लभ चीज हो सकती है.''

आरजे/आईबी (रॉयटर्स)