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भारत की 58% दौलत सिर्फ 1% लोगों के पास है: रिपोर्ट

१६ जनवरी २०१७

भारत के बढ़ती असमानता के सबूत के तौर पर ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. इस रिपोर्ट के मुताबिक देश की 58 प्रतिशत दौलत सिर्फ एक फीसदी लोगों के पास है.

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Architektur Wohnhaus des indischen Unternehmers Mukesh Ambani
तस्वीर: picture-alliance/Dinodia Photo Library

पूरी दुनिया में सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों के पास लगभग 50 फीसदी दौलत है लेकिन भारत में यह आंकड़ा 58 फीसदी है. दुनिया के अमीरों की बैठक वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के शुरू होने से कुछ समय पहले जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अब सिर्फ 57 अरबपतियों के पास 216 अरब डॉलर की संपत्ति है. यह नीचे के 70 फीसदी लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ 8 लोगों के पास इतनी संपत्ति है जितनी नीचे के 50 फीसदी लोगों के पास है. यानी दुनिया की आधी आबादी के पास जितनी कुल दौलत है उतनी दौलत इन 8 लोगों के पास है. ऑक्सफैम की रिपोर्ट कहती है कि भारत में 84 अरबपति हैं. इन 84 लोगों के पास कुल 248 अरब डॉलर की संपत्ति है. इनमें सबसे ऊपर मुकेश अंबानी का नाम है जिनके पास 19.3 अरब डॉलर की संपत्ति है. दूसरे नंबर पर दिलीप संघवी हैं जो 16.7 अरब डॉलर के मालिक हैं. 15 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ अजीम प्रेमजी तीसरे नंबर पर हैं. पूरे भारत के पास कुल 3.1 खरब डॉलर की संपत्ति है.

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पूरी दुनिया की संपत्ति की कीमत 2557 खरब डॉलर आंकी गई है. इनमें से 65 खरब डॉलर चंद लोगों के पास है. सबसे ज्यादा 75 अरब डॉलर बिल गेट्स के पास हैं. 67 अरब डॉलर के साथ अमानिको ओर्टेगा दूसरे नंबर पर हैं और 60 अरब डॉलर के मालिक व

वॉरेन बुफे तीसरे.

अपनी रिपोर्ट "एक अर्थव्यवस्था 99 फीसदी के लिए" में ऑक्सफैम ने कहा है कि अब एक ऐसी मानवीय अर्थव्यवस्था बनाने की जरूरत है जो कुछ गिने चुने लोगों के बजाय सबको फायदा पहुंचाए. रिपोर्ट कहती है कि 2015 के बाद से सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों के पास बाकी पूरी दुनिया से ज्यादा धन है. ऑक्सफैम ने कहा, "अगले 20 साल में 500 लोग 21 खरब डॉलर अपने उत्तराधिकारियों को सौंप देंगे. यह धन 1.3 अरब की आबादी वाले भारत की कुल जीडीपी से भी ज्यादा है."

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अध्ययन में पता चला है कि दुनिया के सबसे गरीब 50 फीसदी लोगों के पास जितनी संपत्ति सोची गई थी उससे कहीं कम है. और चीन, इंडोनेशिया, लाओस, भारत, बांग्लादेश व श्रीलंका में 10 फीसदी सबसे धनी लोगों की संपत्ति में 15 प्रतिशत से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है जबकि सबसे गरीब 10 फीसदी लोगों की आय का हिस्सा 15 फीसदी से ज्यादा घट गया है.

वीके/ओएसजे (पीटीआई)