ईरान वाले तो मुसलमान ही नहीं हैं: सऊदी अरब
७ सितम्बर २०१६अरब और ईरान के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है, लेकिन सालाना हज यात्रा शुरू होने से ठीक पहले फिर दोनों ने एक दूसरे पर निशाना साधा है. एक तरफ ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता ने कहा है कि सऊदी शाही परिवार को इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों की व्यवस्था संभालने का कोई हक नहीं है.
वहीं, सऊदी अरब की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था ने ईरान के नेताओं पर मुसलमान न होने का आरोप लगाया है. ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह अली खमेनाई ने सोमवार को प्रकाशित अपने एक बयान में सऊदी अरब की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि सऊदी अरब इन स्थलों की कैसी व्यवस्था संभाल रहा है जबकि पिछले साल सैकड़ों लोगों की पवित्र यात्रा के दौरान कुचल कर मौत हो गई थी.
देखिए, पर्दे के पीछे कैसी हैं ईरानी औरतें
ईरानी धार्मिक नेता ने सऊदी अरब को इनमें से कुछ लोगों का हत्यारा तक कह दिया है. इसके जवाब में सऊदी अरब के ग्रांड मुफ्ती शेख अब्दुल अज़ीज़ ने कहा है कि उन्हें ईरानी नेता के बयानों पर कोई हैरानी नहीं हुई. सऊदी अख़बार मक्का ने मुताबिक उन्होंने कहा, "हमें समझना होगा कि वो लोग मुसलान नहीं हैं. उनके मुख्य दुश्मन सुन्नाह के मानने वाले (सुन्नी) हैं." सऊदी अरब का कहना है कि 2015 में हज यात्रा के दौरान 769 लोग मारे गए थे. ये हज यात्रा के दौरान 25 सालों में मारे गए लोगों की सबसे ज्यादा संख्या है.
हालांकि जिन 30 देशों के लोग लोग मारे गए उनके मुताबिक मृतकों की संख्या 2000 से ज्यादा है और इनमें शिया बहुल ईरान के 400 से ज्यादा लोग शामिल थे. ईरान का कहना है कि इतने सारे लोगों की मौत का कारण सऊदी अरब का ठीक से व्यवस्था न संभाल पाना था. इस साल ईरान के लोग हज यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे जो आधिकारिक तौर पर 11 सितंबर से शुरू हो रही है. मई में दोनों देशों के बीच हज यात्रा को लेकर बातचीत नाकाम हो गई थी.
देखिए, सऊदी अरब में महिलाएं क्या क्या नहीं कर सकतीं
खमेनेई ने कहा है कि सऊदी सरकार यमन, सीरिया, इराक़ और बहरीन में मुसलमानों का खून बहाने के लिए अमरीका के साथ मिल कर काम कर रही है. उन्होंने कहा, "इसलिए, अमरीका और सऊदी अरब के समर्थक सऊदी अपराधों और अत्याचारों के लिए जिम्मेदार हैं."