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मिलिए 800 बच्चों के बाप डिएगो से

वीके/एके (एएफपी)१४ सितम्बर २०१६

डिएगो ने अपनी नस्ल को बचाने का अद्भुत काम किया है. कभी सिर्फ तीन बचे थे, आज ये दो हजार हैं. अकेला डिएगो इनमें से 800 से ज्यादा का बाप है.

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Galapagos Inseln Eastern Santa Cruz Riesenschildkröte
तस्वीर: Parque Nacional Galapagos/dpa

उम्र अब 100 के पार हो चुकी है लेकिन डिएगो की जवानी नहीं गई है. बल्कि उसकी सेक्स लाइफ ने तो उसकी नस्ल को ही खत्म होने से बचा लिया है. विशालकाय चेलोनोएडिस कछुआ डिएगो 800 से ज्यादा बच्चों का बाप है. इक्वेडोर के गालापेगोस आर्किपेलागो द्वीप पर रहने वाले की डिएगो की सेक्स लाइफ के चर्चे दूर दूर तक हैं. गालापेगोस नेशनल पार्क में कछुओं के संरक्षण के विशेषज्ञ वॉशिंगटन तापिया कहते हैं, "उसकी यौन सक्रियता गजब की है. उसने अकेले ही पूरे द्वीप पर कछुओं की आबादी को लौटा लाने का कारनामा किया है."

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डिएगो चेलोनोएडिस हूडेनसिस नस्ल का कछुआ है जो सिर्फ एस्पान्योला में मिलता है. गालापेगोस के यह सबसे पुराने द्वीपों में से है और चार्ल्स डार्विन ने अपना अध्ययन यहीं किया था. 50 साल पहले डिएगो की नस्ल के यहां बस दो नर और 12 मादा कछुए बचे थे. वे इतनी दूर-दूर थे कि नस्ल आगे बढ़ने की कोई गुंजाइश भी नहीं थी. और फिर डिएगो ने अभियान शुरू किया. बच्चे पैदा करने का अभियान. वह सांता क्रूज द्वीप पर कछुओं की ब्रीडिंग के लिए बने केंद्र में रहता है. अब नस्ल आगे बढ़ाने में दो और कछुए उसकी मदद कर रहे हैं लेकिन मुखिया वही है. उसके हिस्से में छह मादाएं हैं.

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डिएगो का वजन 80 किलोग्राम है. वह 90 सेंटीमीटर लंबा है. और अगर अपनी टांगें पूरी फैला दे तो उसकी ऊंचाई पांच फुट हो जाती है. उसकी खूबसूरत पीठ मादाओं के बीच लोकप्रिय है. डिएगो का नाम सैन डिएगो जू के नाम पर पड़ा है क्योंकि वह वहीं मिला था. जब उसकी दुर्लभ नस्ल की पहचान हुई तो वैज्ञानिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके और भाई-बंद खोजने में जुट गए. तापिया बताते हैं, "हमें नहीं पता कि वह कब और कैसे अमेरिका पहुंचा. जरूर किसी वैज्ञानिक अभियान के लिए कभी उसे ले जाया गया होगा. अनुमान है कि ऐसा 1900 से 1959 के बीच कभी हुआ होगा." 1976 तक डिएगो कैलिफॉर्नियां के चिड़ियाघर का मेहमान था. फिर उसे ब्रीडिंग के काम के लिए इक्वेडोर लाया गया. लेकिन वह इतना उस्ताद निकलेगा इसका वैज्ञानिकों को अनुमान भी नहीं था. फिर छह साल पहले सब बदल गया. तापिया बताते हैं, "हमने एक जेनेटिक स्टडी की और तब पता चला कि एस्पान्योला के करीब 40 फीसदी कछुओं का बाप डिएगो है." इस द्वीप पर करीब 2000 कछुए पैदा हो चुके हैं और अब इनकी नस्ल के खत्म हो जाने का खतरा नहीं है. गालापेगोसा में विशाल कछुओं की 15 नस्लें हुआ करती थीं. इनमें से तीन खत्म हो चुकी हैं. डिएगो ने जैसा किया है, वैसा हर नस्ल नहीं कर पाती.

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