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स्पेन की दीवारों पर किसने लिखा, घर जाओ पर्यटको!

विवेक कुमार३० मई २०१६

स्पेन में टूरिस्टों की बाढ़ सी आ गई है. इतने टूरिस्ट पहुंच रहे हैं कि लोग परेशान हो गए हैं. दीवारों पर विरोध जताती इबारतें लिखी दिख रही हैं.

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Spanien Mallorca S’Illot Menschen am Strand
तस्वीर: picture-alliance/F. Gierth

स्पेन का द्वीप मयोर्का छुट्टियां मनाने वालों के लिए स्वर्ग कहा जाता है. यूरोपीय लड़के-लड़कियां तो दीवाने हैं इस जगह के. जैसे भारत में हर खुशी पर कई शहरी युवा गोवा भागते हैं, और युवावस्था से ऊपर के लोग वहां से भागने की तमन्ना करते हैं, कुछ वैसे ही भाव मयोर्का के लिए यूरोपीय लोगों में हैं. उस मयोर्का की दीवारों पर लिखा दिख रहा हैः "टूरिस्ट गो बैक" यानि पर्यटक वापस जाएं.

फिलहाल यह कोई छोटा-मोटा आंदोलन लगता है लेकिन इससे पर्यटकों की बढ़ती संख्या से स्थानीय लोगों में तनाव से संकेत मिलते हैं. मर्योका ही नहीं, स्पेन में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बेशक, इससे आर्थिक लाभ भी जबर्दस्त मिल रहे हैं लेकिन स्थानीय लोगों की जिंदगी भी खासी प्रभावित हो रही है. स्थानीय सुविधाओं मसलन यातायात से लेकर पानी तक पर दबाव बढ़ा है.

Spanien Touristen auf Mallorca
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Stratenschulte

स्पेन की कुल आय का 12 फीसदी हिस्सा और 16 फीसदी नौकरियां पर्यटन से आती हैं. इसलिए टूरिस्ट ना आएं, यह तो स्पेन नहीं चाहेगा. लेकिन इस साल तो जैसे बाढ़ आई है. दरअसल, तुर्की, मिस्र और ट्यूनिशिया जैसे पर्टयकों के दूसरे ठिकानों पर राजनीतिक समस्याएं चल रही हैं इसलिए हर कोई स्पेन का रुख कर रहा है. इस वजह से आर्थिक मंदी से उबरने में स्पेन को मदद भी मिली है. लेकिन स्पेन के बहुत से लोग नाखुश भी हैं.

मयोर्का के नजदीकी शहर ला सोए में एक संस्था चलाने वाले लुई क्लार कहते हैं, “वे लोग हमें थीम पार्क बना देना चाहते हैं. यानी एक ऐसी जगह जो रात को बंद कर दी जाती है क्योंकि रात के वक्त वहां कोई नहीं रहता.”

पर्यटकों की वजह से कई तरह के कदम उठाए गए हैं जिन्होंने स्थानीय निवासियों को परेशान किया है. मसलन हाल ही में स्थानीय कैथीड्रल के सामने पार्किंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अब इससे स्थानीय लोगों को भी पार्किंग की समस्या हो गई है. क्लार कहते हैं कि वहां रहने वाले परिवार अब या तो बहुत दूर गाड़ी खड़ी करके आते हैं या फिर जगह तलाशने के लिए चक्कर लगाते रहते हैं. वह कहते हैं कि हाल ही में एक परिवार तो इस वजह से शहर ही छोड़ गया.

इबित्सा द्वीप में भी काफी समस्याएं आ रही हैं. सूखे के कारण परेशान रहने वाले इबित्सा में पर्यटकों की वजह से जल संसाधनों पर दबाव बढ़ा है. ग्रामीण इलाकों में तो इस बात का डर बढ़ गया है कि अब पर्यटक गांवों की ओर भी आने लगे हैं. सोचिए कि बालियारिक द्वीप पर पिछले अगस्त में जनसंख्या एक दिन के लिए दोगुनी यानी 20 लाख हो गई थी. यानी जितने लोग वहां रहते हैं उतने ही टूरिस्ट भी थे. आर्किपेलागो में बीते साल के मुकाबले इस मार्च में डेढ़ गुना ज्यादा पर्यटक आए.

हालत यह है कि पाल्मा में तो लोगों को पता है कि किस दिन सिटी सेंटर नहीं जाना है. खासकर जब कोई क्रूज शिप हजारों पर्यटकों को लेकर तट पर आ लगता है तो जैसे स्थानीय लोगों की मुसीबत आ जाती है. कुछ लोगों को तो डर लगने लगा है कि एक दिन हर घर होटल बन जाएगा. बार्सिलोना में भी ऐसी ही चिंताएं सता रही हैं. दो साल पहले इसी वजह से वहां विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.

पाल्मा में किताबों की एक दुकान में अस्थायी तौर पर काम करने वाले गैस्पर अलोमार कहते हैं कि हाल ही में दीवारों पर जो नारे लिखे दिख रहे हैं, वे इस बहस की शुरुआत करते हैं कि हमें इस तरह की आर्थिक तरक्की चाहिए या नहीं. वह कहते हैं, “संसाधन सीमित हैं. तो पर्यटकों की संख्या को सीमित रखना तार्किक लगता है. अगर हम अपनी पूरी अर्थव्यवस्था पर्यटन के इर्द-गिर्द बना लेंगे तो चलन बदलने पर हमारे हाथ में कुछ नहीं रहेगा. यह विकास टिकाऊ नहीं है.”

वैसे स्थानीय प्रशासन सीख रहा है. पर्यटकों की संख्या सीमित करने की तो बात नहीं हो रही है लेकिन भीड़ पर नियंत्रण के तरीके लागू किए जा रहे हैं. जैसे कि बालियारिक के चार मुख्य द्वीप समुद्र के आसपास कार ले जाने पर टैक्स लगाने की बात हो रही है. स्थानीय पर्यटन मंत्री बिएल बार्सेलो कहते हैं कि पर्यटकों के लिए रहने की जगह सीमित करने पर भी विचार हो रहा है. जुलाई से दो यूरो प्रतिदिन का पर्यटन कर भी लगाया जाएगा. लेकिन इस तरह के तरीकों से पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग नाराज हो गए हैं.

वीके/आरपी (रॉयटर्स)