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कैसे रहे मोदी के दो साल, पाठकों की राय

विवेक कुमार२६ मई २०१६

सत्ता में नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर हमने अपने पाठकों से पूछी उनकी राय., जानिए क्या बोले लोग...

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Indien Feier 2 Jahre Regierung Mohdi
तस्वीर: DW/A. Anil Chatterjee

सत्ता में नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर हमने अपने पाठकों से पूछी उनकी राय. हमारा सवाल था कि ‪#मोदी‬ सरकार के दो साल.. हिट रहे या पिट गए.. आपका क्या कहना है? साझा करें हमसे अपनी राय...

सैकड़ों लोगों ने अपनी राय हम तक भेजी है. सबकी राय आप हमारे फेसबुक पेज पर जाकर पढ़ सकते हैं. कुछ टिप्पणियां यहां भी प्रकाशित कर रहे हैं.

नमन पाण्डेय

730 दिन में भारत की जो पहचान पूरी दुनिया में बनी है, ऐसा आजादी के बाद से अब तक नहीं हुआ. जो रेल बजट दो साल में पास हुए हैं, आजादी के बाद से वैसा रेल बजट कभी नहीं आया. और सबसे बड़ी उपलब्धि, डिफेंस डील्स. जैसे समझौते इन दो सालों में हुए, वैसे कभी नहीं हुए.

मेराज ए गनी

अगर देखा जाए तो अखबारों और मीडिया में सब अच्छा-अच्छा दिख रहा है लेकिन जमीनी हकीकत को मालूम किया जाए तो एक्सपोर्ट कांग्रेस के वक्त से कम हुआ है. मोदीजी ने इतनी जगहों की यात्रा की लेकिन रेस्पॉन्स कुछ नहीं आया. बल्कि अब लोग भारत में इन्वेस्ट करने से कतरा रहे हैं. कारोबारी लोग भी सरकार से खुश नहीं हैं.

अनिल द्विवेदी

विदेश नीति तो मजबूत हुई है. दलाली कम करने की योजना बनायी गयी है. देश के अंदर मंत्री स्तर पर घोटाले न के बराबर हुए हैं.

निशिकांत

दो सालों में काम गिनने लायक तो कुछ है नहीं, हां कहने के लिए बहुत कुछ है.

1. महंगाई के लिएः कांग्रेस जिम्मेवार

2. बेरोजगारी के लिएः कांग्रेस जिम्मेवार

3. काला धनः कांग्रेस जिम्मेवार

4 गरीबीः कांग्रेस जिम्मेवार

आप काम कब करेंगे? नहीं कर सकते क्योंकि कांग्रेस जिम्मेवार।

हितेश वैष्णव

ऐसा लगता है ये भी वादों से दूर हुए

जंतर मंतर पर फिर से अन्ना आने को मजबूर हुए

अजयपाल सिंह

मोदी अकेला है और मुश्किलें हजार. धीरे-धीरे सब जगह ध्यान देगा. बस और कुछ करे या न करे, इतना कर दे कि आजकल जो हर कोई दादा बना हुआ है, इनको लाइन लगा दे. बात-बात में दादागीरी करते हैं, कानून का डर नहीं है.

अनिल कुमार अनल

यह सही समय है, भारत में नए दौर के लिए. कई सालों से भारत को रट्टू तोता बनाया हुआ था जिसकी बानगी धीरे-धीरे खत्म हो रही है. अब तक मुसलमानों को लेकर हिंदुओं को ठगा गया है. अभी ऐसा नहीं हो रहा है इसलिए बेवजह विरोध हो रहा है. अभी तो शुरुआत भर है अच्छे दिनों की.

आप भी अपनी बात कह सकते हैं, नीचे कॉमेंट बॉक्स में अपनी लिखें.

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