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दुनिया की सबसे ऊंची चर्च को पेशाब से खतरा

२४ अक्टूबर २०१६

जर्मनी के उल्म शहर में मशहूर चर्च को पेशाब से खतरा पैदा हो गया है. यह दुनिया का सबसे ऊंची चर्च है और लोग इसकी दीवार पर पेशाब करते हैं. इस वजह से चर्च के ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है.

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Deutschland Ulm Blick auf Ulmer Münster
तस्वीर: picture alliance/robertharding/M. Lange

उल्म के चर्च की ऊंचाई 161.5 मीटर यानी करीब 530 फुट है. 1377 में इस चर्च की नींव रखी गई थी और आज यह दुनिया के सबसे ऊंची चर्च के रूप में दर्ज है. लेकिन लोग इसकी दीवार पर पेशाब करते हैं. इसे शहर प्रशासन की ओर से अपराध घोषित किया जा चुका है. हाल के दिनों में जुर्माना दोगुना किया जा चुका है. लेकिन लोगों को रोका नहीं जा पा रहा है. समस्या सिर्फ सफाई और बदबू की नहीं है. इमारत की नींव सैंड स्टोन से बनी है. पेशाब में मौजूद एसिड उसे भुरभुरा कर रहे हैं. हाल ही में इस इमारत की मरम्मत की गई है और उस पर अच्छा खासा पैसा खर्च हुआ है.

इस साल की शुरुआत में जब अधिकारियों ने देखा कि पेशाब की समस्या तो बढ़ती ही जा रही है, तब जुर्माना दोगुना कर दिया गया. लेकिन मरम्मत के लिए जिम्मेदार एजेंसी म्युन्सटरबाऊ के प्रमुख मिषाएल हिलबर्ट कहते हैं कि कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. वह कहते हैं, "मैं इस पर करीब छह महीने से नजर रखे हुए हूं और देख रहा हूं कि अब फिर यह दीवार पेशाब और उलटियों से पट गई है."

देखें: जर्मनी आते ही लगते हैं ये झटके

 

हिल्बर्ट बताते हैं कि एक समस्या यह भी है कि इस जगह पर बहुत सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इमारत के इर्द गिर्द सालभर कुछ न कुछ होता ही रहता है. क्रिसमस मार्किट और अन्य मेलों के अलावा चार वाइन फेस्टिवल भी होते हैं. और इनमें आने वाले लोगों के लिए पर्याप्त टॉइलेट्स की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है. हिलबर्ट पहले ही आयोजकों को इस बारे में बता चुके हैं और कह चुके हैं कि उन्हें ऐसे प्रबंध करने होंगे कि लोग चर्च की ओर पेशाब करने न आएं. वह चाहते हैं कि लोगों को मुफ्त टॉयलेट्स उपलब्ध कराए जाएं. हिलबर्ट कहते हैं, "मैं मूत्र-पुलिस तो हूं नहीं. लेकिन यह तो कानून व्यवस्था का मामला है."

रिचर्ड कॉनर/वीके (डीपीए)

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