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'मैड डॉग' अमेरिका के रक्षा मंत्री बने तो क्या होगा!

२ दिसम्बर २०१६

जो लोग अभी तक सिर्फ ट्रंप के बयानों से सहमे थे, उन्हें अब डरने की एक और वजह मिल गई है. ट्रंप ने अमेरिकी सेना के पूर्व जनरल जेम्स माटिस को अपनी सरकार में रक्षा मंत्री बनाने का एलान किया है.

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USA Donald Trump bestimmt James Mattis zum US-Verteidigungsminister
तस्वीर: Reuters/M. Segar

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप आजकल अपनी सरकार के मंत्रियों को चुनने में जुटे हैं. रक्षा मंत्री के पद के लिए उन्होंने अमेरिकी सेना के एक पुराने जनरल जेम्स माटिस को चुना है. वही माटिस जिन्हें “मैड डॉग” यानी पागल कुत्ता कहा जाता है.

अपने समर्थकों के सामने ट्रंप ने कहा, "हम 'मैड डॉग' माटिस को अपना रक्षा मंत्री बना रहे हैं.” अमेरिका के दुश्मनों के लिए माटिस के दिल में कोई रहम नहीं है और इसीलिए उन्हें 'मैड डॉग' कहा जाता है. इसके अलावा उन्हें 'केयोस' और 'वॉरियर मॉन्क' जैसे नामों से भी जाना जाता है.

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66 साल के माटिस 2013 में अमेरिका सेना से रिटायर हुए थे और उस वक्त वो उस अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख थे जिसके सैनिक इराक और अफगानिस्तान में तैनात थे और उस पर सीरिया, यमन और ईरान जैसे देशों की जिम्मेदारी भी थी. बताते हैं कि कभी माटिस ने कहा था, "विनम्र रहिए, पेशेवर रहिए, लेकिन आप जिस हर एक आदमी से मिलें, आपके पास उसे मारने की योजना होनी चाहिए.” ये बात उन्होंने 2003 में इराक में तैनात नौसैनिकों से कही थी.

"मैड डॉग" माटिस को अगर अमेरिकी रक्षा मंत्री के तौर पर नियुक्त कर दिया जाता है तो इसे एक संकेत माना चाहिए कि ट्रंप ईरान को लेकर ओबामा प्रशासन की नीति को बदलना चाहते हैं. माटिस इसके बड़े आलोचक रहे हैं. माटिस ने ईरान को मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति के लिए इकलौता सबसे बड़ा खतरा बताया था. संभावना यह भी है कि रूस के मुद्दे पर माटिस के विचार ट्रंप से अलग होंगे. जहां अभी तक ट्रंप पुतिन के साथ मिल काम करने को लेकर सकारात्मक बातें कहते आए हैं, वहीं माटिस चेतावनी दे चुके हैं कि रूस नाटो के टुकड़े टुकड़े करना चाहता है.

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व्यक्तिगत तौर पर, माटिस पढ़ने के बहुत शौकीन हैं. उनके पास सात हजार किताबों वाली एक लाइब्रेरी है. अपने तहत काम करने वाले सैनिकों को भी वह पढ़ने के लिए कहते थे. उन्होंने कहा था कि जंग के मैदान की सबसे अहम जगह वह है, जो आपको "दोनों कानों के बीच" है. वो अपनी बातों में बहुत सी ऐतिसाहिक बातों का हवाला देते हैं और इस बात पर गर्व करते हैं कि उनकी परवरिश एक लाइब्रेरी के साथ हुई है, न कि टीवी के साथ.

एके/वीके (रॉयटर्स, एपी)