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अहम राजनीतिक पदों पर अब भी महिलाएं बहुत कम

२९ नवम्बर २०२३

समाज में महिला प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए राजनीति में उनकी भागीदारी को बढ़ाना बहुत जरूरी है. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इस मामले में दुनिया अब भी बहुत पीछे हैं.

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अनालेना बेयरबॉक
जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक की ग्रीन पार्टी के संसदीय दल में सबसे ज्यादा महिलाएं हैंतस्वीर: Thomas Imo/photothek/imago images

भारत में हाल ही में महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल लंबे इंतजार के बाद पारित हुआ. सभी क्षेत्रों की तरह राजनीति में भी महिलाओं को बराबर हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. इसी से सरकार को महिलाओं से जुड़े मुद्दों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी बनाने की उम्मीद जगती है. लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में अहम भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी का अनुपात ज्यादातर देशों में अब भी बहुत अच्छा नहीं है. यह बात जर्मनी पर भी लागू होती है. एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि यहां राजनीति संबंधी भूमिकाओं में केवल एक-तिहाई पद पर ही महिलाएं हैं.

यह जानकारी बर्लिन स्थित क्वाडरिगा यूनिवर्सिटी और पॉलिटिक्स एंड कम्युनिकेशन मैगजीन की एक रिपोर्ट ने दी है. इसके मुताबिक, जर्मनी में राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ी निर्णायक और प्रभावी भूमिकाओं में 33 फीसदी पद महिलाओं के पास हैं. इन भूमिकाओं में नेताओं और राजनीतिज्ञों के साथ ही साथ राजनीतिक पत्रकारिता, व्यापारिक संगठन, मजदूर संगठन और परोपकारी संस्थाओं में भागीदारी भी शामिल हैं.

पत्रकारिता में स्थिति बेहतर

इन सभी क्षेत्रों के बीच महिलाओं की सबसे ज्यादा भागीदारी राजनीति मामलों से जुड़ी पत्रकारिता में पाई गई. जर्मनी में सबसे ज्यादा पढ़े और देखे जाने वाले 30 मीडिया संस्थानों में पॉलिटिकल बीट और संपादकीय भूमिकाओं में करीब 42 फीसदी पदों पर महिलाएं हैं. जहां तक राजनीति में सीधी भूमिका का सवाल है, तो बहुत कम महिलाएं ही मौजूद दिखती हैं. जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में मात्र 35.2 फीसदी महिला सदस्य हैं.

ऐसा नहीं कि सभी पार्टियों में महिलाओं की मौजूदगी का अनुपात एक सा हो. एक ओर जहां ग्रीन पार्टी के संसदीय प्रतिनिधित्व में 59.3 प्रतिशत मौजूदगी के साथ महिलाएं बहुमत में हैं, वहीं दक्षिणपंथी राजनैतिक दल "फार-राइट ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी" (एएफडी) में मात्र 11.5 फीसदी भूमिकाएं ही महिलाओं के पास हैं.

बाकी प्रमुख पार्टियों की भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं है. क्रिश्चन डेमोक्रैटिक यूनियन/क्रिश्चन सोशल यूनियन (सीडीयू/सीएसयू) में भी 23.9 फीसदी प्रतिनिधित्व के साथ महिलाओं की संख्या काफी कम है. फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी (एफडीपी) में भी लगभग 26 फीसदी भूमिकाएं ही महिलाओं के पास हैं.

राजनीति के मुकाबले कारोबार के क्षेत्र में शीर्ष पदों पर महिलाओं की संख्या काफी कम है. 100 सबसे अहम कारोबारी संगठनों के शीर्ष पदों पर महिलाओं की मौजूदगी करीब 21 फीसदी ही पाई गई.

विभिन्न क्षेत्रों के आंकड़े जुटाने वाली वेबसाइट स्टैटिस्टा के मुताबिक दुनिया में सिर्फ तीन देश ऐसे हैं जहां की संसद में पुरुषों से ज्यादा महिला सदस्य हैं. इनमें रवांडा, क्यूबा और निकारागुआ शामिल हैं. वहीं न्यूजीलैंड और मेक्सिको की संसद में महिलाओं और पुरुषों की बराबर हिस्सेदारी है. 

एसएम/एके (डीपीए)