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याहू के नए नाम अल्टाबा का मतलब क्या है

१० जनवरी २०१७

याहू का नाम बदल रहा है. नया नाम होगा अल्टाबा. याहू ने कहा है कि हम अपना नाम बदल रहे हैं. अब कंपनी को अल्टाबा इंक के नाम से जाना जाएगा.

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Marissa Mayer
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/J. Jacobson

याहू की मौजूदा सीईओ मैरिसा मायर जल्दी ही पद छोड़ देंगी. वह वेरिजोन कम्यूनिकेशंस के साथ समझौता हो जाने के बाद पद से हट जाएंगी.

याहू अपने इंटरनेट बिजनस का बड़ा हिस्सा वेरिजोन को बेच रही है. इसमें डिजिटल एडवर्टाइजिंग, ईमेल और मीडिया संपत्तियां शामिल हैं. वेरिजोन कम्युनिकेशंस ने इसे 4.83 अरब डॉलर में खरीदा है. अब जो कंपनी के पास बचेगा, उसमें सबसे बड़ा हिस्सा तो चीनी कंपनी अलीबाबा में हिस्सेदारी का होगा.

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पिछले कुछ समय से याहू लगातार विवादों में रही है. इसके डेटा में सेंधमारी को सबसे बड़ी हैकिंग कहा गया. दो बार हुई इस हैकिंग में करीब डेढ़ अरब लोगों की जानकारियां चुराने की बात कही गई है. इन कारणों से वेरिजोन के साथ इसका समझौता भी मुश्किल में पड़ सकता है. हालांकि याहू ने उम्मीद जताई है कि मार्च तक समझौता हो जाएगा.

वॉशिंगटन पोस्ट अखबार के मुताबिक याहू का नया नाम अल्टाबा दरअसल अलीबाबा से ही निकला है. पूरा नाम "ऑल्टरनेटिव एंड अलीबाबा" है जिसे छोटा करके अल्टाबा कहा जा रहा है. अलीबाबा में याहू की 15 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत 35 अरब डॉलर है. नए नाम के पीछे मकसद यह है कि अल्टाबा के शेयरों को लोग अलीबाबा के साथ जोड़कर देखें. अल्टाबा के पास 'याहू जापान' के 35.5 फीसदी शेयर भी होंगे.

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अल्टाबा के बोर्ड में याहू की मौजूदा सीईओ मैरिसा मायर के अलावा सह-संस्थापक डेविड फिलो और चार अन्य निदेशक भी नहीं होंगे. वेरिजोन के साथ समझौता हो जाने के बाद ये सभी लोग इस्तीफा दे देंगे. माना जा रहा है कि याहू ब्रैंड वेरिजोन अपने पास रखना चाहेगा.

वीके/एके (रॉयटर्स, एपी)