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अलक़ायदा का ख़तरा यूरोप को ज़्यादा- ओबामा

४ अप्रैल २००९

जर्मनी के बादन बादन में लोगों ने ओबामा का हार्दिक स्वागत किया और ओबामा भी अपने चिर परिचित अंदाज़ में लोगों से हाथ मिलाते उनके हाल पूछते नज़र आए. लेकिन चार दीवारी में बातचीत का मुद्दा गंभीर था

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कूल अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामातस्वीर: AP

बैठक में नाटो के पुनर्गठन से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की गई. शनिवार को बैठक जारी रहेगी. नाटो संगठन की स्थापना के 60 साल पर दो दिवसीय बैठकें श्ट्रासबर्ग और बादन बादन में हो रही हैं. शुक्रवार की बैठक में देर रात तक भी नाटो महासचिव के पद के लिये डेनमार्क के प्रधानमंत्री अनास फो रासमुसन के नाम के पर सहमति नहीं बन सकी.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने श्ट्रासबर्ग में अफ़ग़ानिस्तान में नाटो संगठन का ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग करने की बात कही है. उन्होंने ये भी कहा कि इस्लामिक चरमपंथी संगठन अमेरिका से ज़्यादा यूरोप के लिये ख़तरनाक हैं. ओबामा यूरोप की दमदार भूमिका चाहते हैं. उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान मिशन को अंतरराष्ट्रीय बताया और इस बात से इनकार किया इसमें सिर्फ़ अमेरिका ही निर्णयात्मक भूमिका निभा रहा है.

Türkei Wahlen 2009
तुर्की के प्रधानमंत्री एर्दोआन रासमुसन के नाम के ख़िलाफ़ हैं.तस्वीर: AP

ब्रिटेन ने अफ़ग़ानिस्तान में लंबे समय के लिये अपने सैनिक बढ़ाने की बात कही है जबकि फ्रांसिसी राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने अमेरिका की नई नीति का भरपूर समर्थन किया लेकिन और सैनिक भेजने से इनकार किया. इसकी बजाए सारकोज़ी ने अंगेला मैर्केल की पुनर्निमाण की नीति का समर्थन किया.

हालांकि ये नाटो बैठक सिर्फ़ अफ़ग़ानिस्तान पर ही केंद्रित नहीं है बल्कि मुद्दे की बात है कि अफ़ग़ानिस्तान मामले और अल क़ायदा से लड़ाई में पाकिस्तान की ज़्यादा भूमिका की भी दरकार है. पिछले दिनों देखा गया कि नाटो सेना पर हमले के बाद तालिबान पाकिस्तानी सीमा में अपने आप को पुनर्गठित कर रहा है. इसी कारण अमेरिका ने पाकिस्तानी तालिबानी नेताओं को पकड़ने के लिये मुहिम तेज़ की है और पाकिस्तान पर बेनामी ड्रोन मिसाइल तेज़ किये हैं.

नाटो के पुनर्गठन के बारे में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल का ठोस मत था कि नाटो में ज़्यादा बदलाव ठीक नहीं. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से मुलाक़ात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने जर्मनी की भूमिका के लिये उसे धन्यवाद दिया.मैर्केल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि "हमने सभी ज़िम्मेदारियों पर चर्चा की. जर्मनी अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को सुलझाने में सहायता करना चाहता है. आज की बातचीत का केंद्र बिंदु था रूस के साथ संबंधों के अलावा ये भी बातचीत की किस तरह जर्मनी अफ़ग़ानिस्तान में मदद कर सकता है. हम भी अपनी ज़िम्मेदारी निभाना चाहते हैं चाहे वह सैनिक मदद के तौर पर हो या फिर पुनर्निमाण और पुलिस प्रशिक्षण के तौर पर".

शुक्रवार को ओबामा 27 नाटो देशों के प्रतिनिधियों से मिले. बातचीत का मुद्दा था अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान की स्थिति. इसके अलावा नाटो संगठन के रुस के साथ संबंधों पर भी चर्चा हुई.

शुक्रवार देर रात तक भी नाटो देश नए महासचिव के नाम पर सहमत नहीं हो सके. डेनमार्क के प्रधानमंत्री अनास फो रासमुसन पर अधिकतर देश राज़ी थे लेकिन तुर्की इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध कर रहा है. तुर्की के प्रधानमंत्री रिचेप तैयप एर्दोआन 2006 में डेनमार्क के एक अख़बार में पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून छापे के कारण रासमुसन का विरोध कर रहे हैं. एर्दोआन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि "वे नहीं जानते की सब एक ही नाम पर क्यों अटक गए हैं. इसका रासमुसन के व्यक्तित्व से लेना देना नहीं है लेकिन हम नहीं चाहते कि नाटो को किसी तरह का नुकसान पहुंचे."

नाटो अफ़ग़ानिस्तान में बड़ी कार्रवाई कर रहा है और तुर्की नाटो का इकलौता मुस्लिम देश है. तुर्की का मानना है कि रासमुसन के महासचिव बनने से पश्चिमी देशों और मुस्लिम देशों के बीच मतभेद गहरा जाएंगे.

नाटो के प्रवक्ता जेम्स अपाथुरै ने बताया कि देशों के बीच अभी तक सहमति नहीं बन सकी है. शनिवार को एक बार फिर इस बारे में चर्चा की जाएगी.

जहां तक अमेरिका की नई नीति की बात है इसके तहत वह दोनों देशों के बारे में बात कर रहा है-पाक-अफ़ग़ान नीति.

रिपोर्ट- एजेंसियां, ग्राहम लुकास, आभा मोंढे