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आउटसोर्सिंग पर रोमनी को चिढ़ाते ओबामा

३ मई २०१२

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में आउटसोर्सिंग का मुद्दा सामने आ ही गया. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी पर पहली बार नकारात्मक टिप्पणी की और कहा, वह नौकरियां अमेरिका से बाहर भेज देंगे.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी राष्ट्रपति ने जनता को डेमोक्रेट उम्मीद्वार मिट रोमनी के पुराने दिनों की याद दिलाने की कोशिश की. ओबामा ने आरोप लगाया कि रोमनी जब ब्रेन कैपिटल फर्म के सीईओ थे तो उन्होंने अमेरिका की नौकरियों को मेक्सिको और चीन भेजा. ओबामा के मुताबिक मैसाचुसेट्स के गर्वनर रहने के दौरान रोमनी ने नौकरियों को भारत के हवाले कर दिया.

दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की ख्वाहिश पालते ओबामा ने कहा कि रोमनी का कॉरपोरेट अतीत इस बात की गवाह देता है कि वह अमेरिका की वापसी की योजना किस ढंग से बनाएंगे. रिपब्लिकनों का हमला और भी ज्यादा व्यक्तिगत हुआ. एक नैरेटर ने कहा, "आप स्विस बैंक में खाता रखने वाले एक व्यक्ति से यही उम्मीद करेंगे."

ओबामा रोमनी के फैसले लेने की क्षमता पर भी सवाल उठा रहे हैं. अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने कहा था कि पुख्ता जानकारी होने पर मैं बिन लादेन के पीछे लग जाऊंगा और मैंने ऐसा किया. कुछ ऐसे भी है जिन्होंने कुछ और कहा था, अब वह कुछ और बतलाना चाह रहे हैं. मैं चाहता हूं कि वह साफ साफ कहें."

मिट रोमनी भी पलटवार के मौके पर चूके नहीं हैं. उनका आरोप है कि ओबामा बिन लादेन का नाम लेकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान हटा रहे हैं, "मैं भी बिन लादेन को ढूंढ निकालता. लेकिन अर्थव्यवस्था की बात करें तो उसके लिए क्या सही है." डेमोक्रेट नेता के मुताबिक ओबामा लोगों से जुड़े हुए अहम मुद्दों की बात ही नहीं कर रहे हैं. रोमनी का पूरा जोर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने पर है. रोमनी भारत के साथ रिश्ते और मजबूत करना चाहते है.

भारत की आईटी कंपनियां 60 फीसदी पैसा अमेरिकी बाजार से उठाती हैं. खर्च कम करने के लिए कई अमेरिकी कंपनियों ने भारत में अपने दफ्तर खोले हैं. ओबामा ऐसी कंपनियों से ज्यादा टैक्स वसूलना चाहते हैं. माना जा रहा है कि आउटसोर्सिंग के खिलाफ ओबामा ने भारी पैसा खर्च कर विज्ञापन अभियान भी छेड़ा है. अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं.

ओएसजे/एनआर (एपी, पीटीआई)

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